स्कूल शिक्षा विभाग में आपदा में अवसर का एक नमूना,सफ़ाई सामग्री की ख़रीदी…कागज़ों में टेंडर और स्कूलों में पहुंचा घटिया सामान

Chief Editor
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बलौदा बाजार- भाटापारा।आपदा में अवसर बनाकर कर अपना उल्लू कैसे सीधा किया जाता है? इसका फार्मूला निकालने में जिला शिक्षा अधिकारी बलौदा बाजार- भाटापारा इस दौड़ में सबसे आगे नज़र आते हैं । महामारी के काल में जिले के छह ब्लॉक के लगभग दो हजार स्कूलों के लिए डीपीआई के द्वारा छह से आठ लाख की राशि का प्रत्येक विकास खंड के लिए स्वच्छता सामग्री मद में भेजी गई है। लगभग 50 लाख रुपयों की स्वच्छता सामग्री की खरीदी जिले के विभिन्न स्कूलों के लिए की जा रही है। यह कवायद पीछे छह महीने पहले भी शुरू की गई थी। आबंटन के बंदरबांट का हल्ला हो जाने से इसे टाल दिया गया था । बहरहाल इसे नये सिरे इस प्रकार अंजाम दिया जा रहा है कि आपदा के नाम पर अवसर भी नहीं छूटे, पटाखे भी न फूटे और दिवाली पर बल्ले बल्ले भी हो जाए।

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जिला शिक्षा अधिकारी सी एस ध्रुव ने बताया स्कूलो के लिए स्वच्छता सामग्री क्रय करने हेतु शासन से आवंटन प्राप्त हुआ है। 31 मार्च के पहले विकासखंड वार खरीदी की जानी है।खरीदी के लिए विकासखंड स्तर पर छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम के अनुसार क्रय समिति बनाकर स्वच्छता सामग्री क्रय कर स्कूलों में पहुचाने के निर्देश दिए गए है।

मालूम हो कि स्कूलों के लिए स्वच्छता मद में प्राप्तआवंटन से खरीदी कर प्रत्येक स्कूल के लिए विभिन्न स्वच्छता सामग्री जैसे छोटा- बडा बास्केट मग,बाल्टी, डस्टबिन,क्लींजिग पैन, फिनाइल, टॉयलेट क्लीनिंग लिक्विड, झाड़ू,ब्रश,फिनाइल, सेनेडाइजर, वाशिंगपावडर, नाफाथेलीन बाल, पोछा,आदि ढेरो सामान विकासखंड स्तर पर क्रय समिति का गठन करते हुए निविदा द्वारा खरीदा जाना था।इस हेतु व्यवस्थित सूचना प्रकाशन कर न्यूनतम निविदा प्रस्तुतकर्ता को क्रय आदेश दिए जाने का नियम है । इसके विपरीत सभी ब्लॉकों में कागजों में क्रय समिति बनाकर मनचाहे फर्म से कागजी तीन कोटेशन की औपचारिकता पूरी कर खरीद नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए क्रय आदेश जारी कर सामग्री खरीद कर स्कूलों में दिया जा रहा है। स्कूलों को यह सामग्री निशुल्क में प्राप्त हो रही है। इसलिए माले मुफ्त की गुणवत्ता के संबंध में स्कूलों के प्रबंधक भी ज्यादा माथापच्ची करने में रुचि नहीं रखते।

एक स्थानीय आपूर्तिकर्ता ने संपर्क करने पर बताया आपूर्ति कार्य मे सामग्री का दाम बाजार से 2 से 3 गुना है। फिनाइल और सेनीटाइजर के रेट बाजार दर से 3 गुना से 4 गुना प्रस्तावित है।स्कूलों को सप्लाई में भेजे जा रहे हैं । डस्टबिन,मग और झाड़ू और बाल्टी आदि विविध सामग्री की बाजार से सीधी खरीदी की जाती तो इन कीमत दोगुने से भी कम होती। साफ है कि सामानों को सामान्य कीमत की तुलना में दो से तीन गुना महंगे दामों पर खरीदा जा रहा है।इसमें दिखावे की क्रय समिति के द्वारा मनचाहे फर्मों के माध्यम से कौड़ी के सामानों को लाखों रुपए चुका कर स्कूलों में स्वच्छता मद के माध्यम से खपाया जा रहा है।

इस संबंध में बिलाईगढ़ के प्रभारी बीईओ सुरेंद्र जोशी ने कहा -खरीदी जिला कार्यालय के निर्देश के अनुसार हो रही है। कोटेशन बुलाकर खरीदी की जा रही है।दुर्ग की फर्म को सप्लाई आर्डर दिया गया है,सूचना प्रकाशन नही कराया गया है। सिमगा के विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री गेंदले ने बताया निविदा सूचना जारी नही हुई,क्रय आदेश जारी किए गए हैं। क्रय समिति के गठन के बारे में आनाकानी वाला जवाब दिया और निविदा की जानकारी के विषय में व्यस्तता बताते हुए फोन कट कर दिया । विकासखंड बलौदा बाजार बीईओ अशोक वर्मा द्वारा आवंटन के अनुसार कोटेशन बुलाकर के आदेश जारी करने की जानकारी दी गई।इसी प्रकार भाटापारा,कसडोल, पलारी ब्लाक में भी मनचाही फार्म से बिना निविदा प्रकाशन के एक ही फर्म से तीन कोटेशन के आधार पर भंडार क्रय नियम विरुद्ध खरीदी की गई है ।

जिला मिशन समन्वयक आर एस राव द्वार दी गई जानकारी में कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा ही आवंटन जारी किया गया है। बीईओ स्तर पर खरीदी कराई जा रही है। नियमानुसार खरीदी करके स्कूलों में स्वच्छता सामग्री पहुंचाई जानी है।इस तरह ब्लॉक और जिले के शिक्षा अधिकारियों से बातचीत में साफ है कि मनचाहे फर्म से छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम का उल्लंघन करते हुए स्वच्छता सामग्री स्कूलों पर पहुंचाने के लिए खरीदी जा रही है। जिसकी गुणवत्ता के संबंध में किसी भी प्रकार के मानक परीक्षण का कोई भी प्रावधान यह निर्देश जारी नहीं किया गया है। आपदा काल में अवसर को भुनाते हुए स्कूलों में स्वच्छता सामग्री के नाम पर गुणवत्ता हींन सामग्री की सप्लाई करके मनचाही फर्मों को लाभ पहुंचाने का सीधे तौर पर काम किया जा रहा है।

इस मामले में पूर्व में स्कूल शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने वक्तव्य दिया कि डीपीआई श्री कमलप्रीत सिंह को अवगत कराएं । ताकि मामले की विधिवत जांच कराई जा सके। उक्त सामग्री आपूर्ति के संबंध में प्रदेश शिक्षक संघ के स्थानीय पदाधिकारी रविंद्र वर्मा ने वक्तव्य दिया है कि “घटिया सामग्री की आपूर्ति स्कूलों मे न हो, खरीद प्रक्रिया में बंदरबांट करके स्कूलों में घटिया सामान को नहीं लिया जाएगा और इसकी व्यवस्तिथ जांच के लिए शिकायत जिला कलेक्टर से की जाएगी।”

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