मंगलगीत और कामना के साथ कलश यात्रा..हजारों श्रद्धालुओं ने किया शिरकत..केशरिया और त्याग की भावना में डूबा शहर

BHASKAR MISHRA
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 बिलासपुर—शुक्रवार को सुबह मंगल कलश यात्रा के साथ 9 दिवनसीय प्रभु श्री राम दिव्य कथा आयोजन का आगाज हो गया है। कथा का आयोजन शहर के हृदय स्थल लाल बहादुर शास्त्री शाला मैदान में किया जाएगा। बिलासपुर की जनता 9 दिनों तक अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक मानस मर्मज्ञ संत विजय कौशल महाराज के मुखारबिन्द से राम चरित मानस का श्रवण पान करेंगे। दस फरवरी को विशाल कलश यात्रा का आयोजन के साथ ही शहर में रामकथा को लेकर चर्चा तेज हो गयी है।
नौ दिवसीय रामकथा आयोजन का श्रीगणेश भवय मंगल कलश शोभा यात्रा के साथ शुरू हुआ।  मंगल कलश यात्रा जगन्नाथ मंगलम से शुरु  होकर, टैगोर चौक शिव टॉकीज चौक, पुराना हाई कोर्ट रोड, गांधी चौक, जूना बिलासपुर, हटरी चौक, सिटी कोतवाली मानसरोवर चौक से होते हुए लाल बहादुर शास्त्री शाला प्रांगण में विधि विधान के साथ समापन हुआ।
श्री राम कथा के मुख्य यजमान अमर अग्रवाल और शशि अमर अग्रवाल ने  राम कथा ग्रंथ का पूजन किया। कलश यात्रा के साथ रामकथा ग्रंथ को आयोजन स्थल लाया गया।  व्यास पीठ पर विधि विधान से ग्रंथ को सम्मान के साथ स्थापित किया गया। मंगल कलश यात्रा में दस रामायण मानस गान मंडली के साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शिरकत किया। इस दौरान सभी ने प्रभु श्री राम की भजन स्तुति के साथ प्रदेश की उन्नति और विकास की कामना की। कलश यात्रा में 101 रामायण पोथी यात्रियों ने विशेष रूप से भाग लिया। 
 कलश यात्रा के साथ पूरा शहर केसरिया रंग में नजर आया। इस दौरान बैंड बाजे, बग्गी और झांकियो को देखने लोग अपने घरों से बाहर आकर पवित्र केसरिया ध्वजा को प्रणाम किया। कलश यात्रा के दौरान माताएं – बहनों ने पीले परिधान में सिर में पर कलश लेकर प्रभु श्री राम का संकीर्तन कर शहर को सुरम्य बना दिया। विभिन्न जगहों पर कलश यात्रा का नागरिकों ने  रंग-गुलाल और पुष्प वर्षा कर अपनी आस्था को जाहिर किया। कलश यात्रा के दौरान राम कथा के आयोजन को लेकर लोगों में जमनकर उत्साह देखने को मिला।
राम कथा आयोजन समिति  के प्रमुख संरक्षक अमर अग्रवाल की अगुवाई में समिति के सदस्यों की तरफ से तैयारियां को लेकर लगातार जायजा लिया गया। हजारों श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था को लेकर लाल बहादुर स्कूल मैदान में विशाल पंडाल और आकर्षक मंच का अमर ने सदस्यों के साथ निरीक्षण किया।
भगवान राम मतलब जीवन पद्धति
 राम कथा आयोजन समिति मुख्य संरक्षक अमर अग्रवाल ने बताया कि भारत राम और कृष्ण की संस्कृति वाला देश है। भगवान राम का नाम सर्वधर्म समुदाय में बहत ही आदर से लिया जाता है। राम का जीवन चरित्र मर्यादा  और विनयशीलता का  पर्याय है। संत मुख से राम कथा श्रवण का अवसर जीवन में सौभाग्य से मिलता है। प्रभु श्री राम की दिव्य कथा को  सुनने मात्र से तन मन ही नहीं बल्कि वातावरण सुरम्य और सुगंधित हो जाता है।ना केवल कष्टों का निवारण होता है। बल्कि मानव आदर्श को बल मिलता है।
करेंगे अमृत वर्षा
अमर अग्रवाल ने कहा कि बिलासपुर से संत विजय कौशल महाराज का जीवन्त और गहरा नाता रहा है। विजय कौशल महाराज से बिलासपुर का एक एक व्यक्ति जानता और पहचानता है। नगर वासियों और अंचल के लोगों से लाल बहादुर शास्त्री शाला प्रांगण में  राम कथा श्रवण के लिए आमंत्रित करता हूं। क्योंकि हमें अच्छी तरह से पता है राम से बड़ा राम का नाम होता है। राम को महसूस करने के लिए संत विजय कौशल से अच्छा कोई दूसरा सानिध्य नहीं हो सकता है। अमर ने बताया लाल बहादुर शास्त्री स्कूल मैदान में 11 फरवरी से 19 फरवरी तक प्रतिदिन दोहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक मानस मर्मज्ञ विजय कौशल महाराज रामचरित की कथा की अमृत वर्षा करेंगे।
संतो को चितंन की जरूरत,,विजय कौशल
महाराज श्री का मानना है कि भगवान और महापुरुषों को जाति के आधार पर नहीं देखना चाहिए ।किसी भी व्यक्ति का जन्म तो किसी ने किसी सामाजिक व्यवस्था में ही होगा। लेकिन कोई भी महापुरुष किसी एक जाति के उत्थान के लिए नहीं आता। महापुरुष राष्ट्र और समाज के धरोहर हैं। और उनकी जाति का अपने स्वार्थ की राजनीतिवश लाभ उठाना पाप समान है। विजय कौशल  उन विरले सन्तों में हैं जो स्वीकार करते हैं कि सन्तों की समाज में बढ़ती हुई पहुच के  बावजूद कम होते प्रभाव पर महती चिंतन की आवश्यकता  है। उनका मानना है मानव कल्याण एवं सामाजिक व्यवस्था के अनुकूल आचरण ही परम धर्म है, यही हमारी भारतीय संस्कृति की मूल पहचान है।
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