नईदिल्ली।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में योग्यता हासिल करने के मानदंडों में बदलाव किया है। आयोग के मुताबिक, इन बदलावों की वजह से भविष्य में नेट योग्यता हासिल करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोतरी की संभावना है। देश के सभी डिग्री कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक बनने और शोध करने के लिए इस परीक्षा में योग्यता हासिल करना अनिवार्य होता है।यूजीसी नेट में योग्यता हासिल करने के मानदंडों में बदलाव की वजह से उम्मीदवारों की संख्या 15 फीसद से घटा कर 6 फीसद की जाएगी। इस मामले पर यूजीसी ने शुक्रवार को सफाई देते हुए कहा कि अब तक यूजीसी-नेट परीक्षा देने वाले हर विषय और हर श्रेणी के शीर्ष 15 फीसद उन उम्मीदवारों को योग्य माना जाता था, जिन्होंने पेपर-1, पेपर-2 और पेपर-3 में निर्धारित न्यूनतम अंक हासिल किए हों।
(सीजी वाल के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं।आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)
नए मानदंडों के मुताबिक, अब यूजीसी-नेट परीक्षा देने वाले शीर्ष 6 फीसद उम्मीदवारों को योग्य घोषित किया जाएगा। यूजीसी के अनुसार पिछली चार परीक्षाओं के औसत को देखें तो 4.46 फीसद उम्मीदवार ही योग्य घोषित किए गए थे। इस हिसाब से भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में योग्य उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
यूजीसी ने चार नेट रिजल्ट क्वालीफाइंग प्रतिशत बताया है। जून 2015 के रिजल्ट में क्वालीफाइंग प्रतिशत 4.83, दिसंबर 2015 में 4.96, जुलाई 2016 में 4.08 और जनवरी 2017 में 3.99 प्रतिशत रहा।