बिलासपुर—- उज्जवला होम रेपकाण्ड मामले को लेकर आज महिला आयोग अध्यक्ष बिलासपुर पहुंची। आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने महिलाओं से बन्द कमरे में बातचीत के बाद पत्रकारों से संवाद किया। उन्होने कहा मामला अभी क्लियर नहीं है। इसलिए फिलहाल कुछ बोलना ठीक नहीं होगा। लेकिन इतना निश्चित है कि मनगढ़ंत नहीं है। कही ना कहीं सच्चाई जरूर है। इस दौरान किरणमयी नायक ने कहा कि इधर उधर के सवालों से मामले को भटकाया ना जाए।
आज बिलासपुर प्रवास के दौरान राज्य महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक ने उज्जवला होम रेपकाण्ड मामले में पीड़ित महिलाओं से बन्द कमरे में बातचती की। बातचीत के बाद आयोग की चैयरमैन ने पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया।
सवाल जवाब के दौरान किरणमयी नायक ने बताया कि उन्होने दो महिलाओं से चर्चा की है। इसमें एक महिला आसाम की रहने वाली है। जबकि दूसरी महिला हिन्दीभाषी है। दोनों ने बातचीत की है। जबकि हमने शिकायत कर्ता पति पत्नी को बुलाया है। हो सकता है कि आज नहीं तो कल सम्पर्क करें। जबकि एक महिला उत्तर प्रदेश की रहने वाली है। फिलहवाल वह चली गयी है।
पूरे काण्ड में पुलिस की भूमिका के सवाल पर किरणमयी ने कहा कि फिलहाल ना तो किसी महिला पुलिस अधिकारी की किसी ने शिकायत की है। और ना ही पीड़िताओं ने पुलिस की भूमिका को लेकर कुछ कहा है। यदि पत्रकारों को जानकारी है तो इसकी शिकायत करें। महिला मामले में पुरूष शिकायत कर सकते हैं। शिकायत पर गंभीरता से जांच करेंगे।
किरणमयी ने जानकारी दी कि हमें यह जरूर जानकारी मिली है कि मामले में काउन्टर रिपोर्ट भी किया गया है। थाना प्रभारी और सीएसपी से सारी जानकारी को मंगाया गया है। जानकारी मिलने के बाद मामले को आगे बढ़ाया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में किरणमयी नायक ने कहा कि फिलहाल डिवीएट करने वाला प्रश्न नहीं किया जाएगा। क्योंकि मूल मुद्दे से भटकने पर जांच पर असर पड़ेगा। शिकायत या पीडित को न्याया नहीं मिल सकेगा। इसलिए पहला प्रयास पीड़िताओं को न्याय दिलाना है।
क्या महिलाओं ने पुलिस पर किसी प्रकार का आरोप लगाया है। किरणमयी नायक ने कहा कि हमारे यहां पुलिस का कोई काम नहीं है। फिलहाल हमें पुलिस की शिकायत नहीं मिली है। फिलहाल हमें शिकायत कर्ता नीता और उसके पति के बयान की जरूरत है। दो दिन बिलासपुर में हू। दोनो से बातचीत कर वस्तुस्थिति को समझने का प्रयास करूंगी।
किरणमयी नायक ने कहा कि असमी महिला को हिन्दी बोलने में परेशानी हो रही है। बातचीत के दौरान यह समझ में जरूर आया कि महिलाओं के साथ गलत हुआ है। बातचीत को यहां रखना उचित नहीं होगा। 164 के तहत बयान लिया गया है। फिलहाल अभी क्लैरिटी नहीं है। लेकिन मामले में सच्चाई जरूर है। कही कोई मनगंढंत की बात भी नहीं है। चूंकि मैं वकील भी हूं। इसलिए अच्छी तरह से समझती हूं कि कोर्ट में मामला किस तरह पेश किया जाता है। कहीं कोई कड़ी ना टूटे..इसलिए सब कुछ स्पष्ट करने प्रयास करुंगी।