भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए रवाना की गई हैं, जहां जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से रविवार को धौली गंगा नदी में भीषण बाढ़ आ गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। आईटीबीपी के एक अधिकारी ने बताया कि बल की 200 कर्मियों वाली दो टीमें जोशीमठ से बाढ़ प्रभावित इलाकों की ओर रवाना हो गई हैं। चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा के लिये आईटीबीपी की इकाइयां जोशीमठ में मौजूद रहती हैं।एनडीआरएफ के महानिदेशक एस एन प्रधान ने कहा कि जैसे ही आपदा की खबर मिली, दो टीमें देहरादून से जोशीमठ के लिए रवाना हो गईं। उन्होंने कहा, ‘हम दिल्ली के निकट हिंडन वायुसेना अड्डे से तीन-चार और टीमों को हवाई मार्ग से रवाना करने पर काम कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि कुछ और समय के बाद ही नुकसान का अनुमान लगाया जा सकता है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की महानिनरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि ऋषि गंगा बिजली परियोजना पर काम कर रहे 150 से अधिक श्रमिक प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं।उन्होंने कहा, ‘विद्युत परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया है कि वे परियोजना स्थल पर काम कर रहे लगभग 150 श्रमिकों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और देहरादून समेत विभिन्न जिलों के प्रभावित होने की आशंका है और उन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है। हालांकि विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।वहीं उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि, स्थिति नियंत्रण में है। तपोवन-रेणी में स्थित बिजली संयंत्र पूरी तरह से बह गया है।
हेल्पलाइन नंबर जारी
बता दें, सीएम रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। वहीं 1905 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।’
राहत की खबर।
— Ashok Kumar IPS (@Ashokkumarips) February 7, 2021
श्रीनगर से अब नदी का बहाव सामान्य हो गया है। देवप्रयाग और निचले इलाक़ों के लोगों के लिए अब ख़तरे की बात नहीं है। पुलिस राहत बचाव तेज़ी से कर रही है। pic.twitter.com/axJxZXeWap