जयपुर। गुरूवार को सचिवालय कर्मचारियों का प्रतिनिधि मण्डल मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत से मुख्यमंत्री आवास पर मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन देने में कर्मचारियों की भूमिका अहम है। राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की गई है। सेवा निवृत्ति के बाद कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट एवं म्यूचुअल फण्ड के अधीन नहीं रखा जा सकता है। ओपीएस बहाल होने से कर्मचारियों में अपने भविष्य को लेकर चिंता दूर हुई है। अन्य राज्यों में भी इसका अनुसरण किया गया है।
गहलोत ने कहा कि आरजीएचएस के अंतर्गत कर्मचारियों को कैशलेस उपचार दिया जा रहा है। वर्ष में 2 बार डीपीसी करवाने, पदोन्नति के लिए अनुभव में शिथिलन, अग्रिम वेतन आहरण, सेवानिवृत्ति के दिन से ही पेंशन का लाभ देने जैसे निर्णयों से कर्मचारियों को लाभ मिला है।
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उन्होंने कहा कि संविदाकर्मियों के लिए भी राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 लागू किए गए हैं। इससे उनके नियमन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। शोषण से बचाव हेतु ठेका प्रथा को समाप्त किया गया है।
राजस्थान सचिवालय निजी सचिव निजी सहायक सेवा संघ के अध्यक्ष श्री राकेश शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के फैसलों से कर्मचारियों को राहत मिली है।
राजस्थान सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कपिल देव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समयबद्ध रूप से पदोन्नतियां दी जा रही है। साथ ही, खाली पदों पर भर्तियां की जा रही है। राजस्थान सचिवालय सेवा अधिकारी संघ के अध्यक्ष डॉ. के.के. स्वामी ने कहा कि नए जिले बनने से प्रदेश में नए पद सृजित होंगे, जिनका लाभ कर्मचारियों को मिलेगा।
राजस्थान सचिवालय सहायक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नरपत सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं से कर्मचारियों को लाभ हुआ है। इस अवसर पर सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री भजन लाल जाटव सहित बड़ी संख्या में शासन सचिवालय के कर्मचारी उपस्थित रहे।