आप नेता का आरोप..बिना नज़राना यहां कुछ नहीं होता..सहकारी बैंक मतलब अव्यवस्था का केन्द्र..

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—आम आदमी पार्टी की टीम आप नेता जसबीर सिंह की अगुवाई में बिल्हा नगर पंचायत गली मोहल्ला भ्रमण करने पहुंची। टीम समेत जसबीर सिंह ने इस दौरान जनता से संवाद किया। जनता ने भी परेशानियों को खुलकर साझा किया। भ्रमण के दौरान जिला सहकारी बैंक शाखा पहुंचे किसानों ने बताया कि प्रबंधन की लापरवाही के कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले तीन से कार्ड में प्रिंट नहीं हुआ है। बैंक प्रबंधन हमेशा प्रिंटर खराब का रोना रोता है। रूपए निकालने के लिए भी एड़ी चोटी की मेहनत को मजबूर होना पड़ता है।
                जानकारी देते चलें कि आम आदमी पार्टी नेता पिछले कुछ दिनों से विधानसभा वार क्षेत्र में गली मोहल्ला अभियान चलाकार जनता से रूबरु हो रहे हैं। इसी क्रम में सरदार जसबीर सिंह की अगुवाई में आप की टीम बिल्हा स्थित सहकारी बैंक पहुंची। इस दौरान जसबीर सिंह ने किसानों से संवाद किया। पीड़ित किसानों ने बताया कि उन्हें अपना ही रूपया निकलवाने में एड़ी चोटी का जोर लगाना पडता है। 
                        मौके पर मौजूद ज्यादातर किसानों ने बताया कि पिछले तीन साल से पासबुक प्रिन्ट नहीं हुआ है। जब भी पासबुक प्रिन्ट कराने आओ तो प्रिन्टर हमेशा की तरह खराब रहता है। बैंक प्रबंधक पिछले दो साल से कल आकर प्रिन्ट कराने को कहता तो जरूर है। लेकिन करता कुछ नहीं है। 
         आप नेता जसबीर सिंह ने बताया कि कांग्रेस सरकार से जनता थक चुकी है। सरकार की लोक लोक लुभावन नीतियों को सिर्फ फाइलो में दफन करने के लिए तैयार करती है। सच तो यहा है कि नीतिया सिर्फ दिखावे के लिए है। इन सबके बीच नीतियों का फायदा सरकारी कर्मचारी जमकर उठा रहे हैं।
                जसबीर नरे बताया कि बिल्हा सहकारी बैंक की हालत बहुत ही खस्ता है। बैंक में 85 गांवों के 22000 किसानों का खाता है। लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। ग्रामीणों को अपना ही पैसे निकालने के लिए दिनों दिनों लाइन लगाना पड़ता है।
               खाताधारकों के अनुसार बैंक में पर्याप्त काउंटर की सुविधा भी नहीं है। सिर्फ 1 काउंटर से ही लेन देन काम होता है। जिसके चलते बैंक में हमेशा भीड़ स्थिति बनी रहती है। बैंक में ना तो प्रिंटर है। और ना ही लेजर खाता प्रिंटर । जिसके चलते पासबुक प्रिन्ट कराने दिनों दिन तक चक्कर काटने को मजबूर हो पड़ता है।
              कई किसानों ने पासबुक भी दिखाया। कई में तो पिछले तीन साल से प्रिन्ट ही नहीं किया गया है। पासबुक प्रिन्ट नहीं होने के कारण ग्रामवासियों को पता ही नहीं चलता कि उनके खाते में कितना रूपया है। किसानों के अनुसार उन्हें अपना रूपया निकालने में पहाड़ धकेलना पड़ता है। मांग के अनुसार रूपयों का भुगतान नहीं होता है।
                 कई किसानों की मानें तो प्रिन्ट या रूपया निकलवाने के लिए उन्हें बैंक कर्मचारियों को चढ़ावा भी करना पड़ता है। जसबीर ने बताया कि जल्द ही आम आदमी पार्टी की टीमकिसानों की शिकायतों को कलेक्टर के सामने पेश कर उचित कार्रवाई की मांग करेगी।

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