बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) में सोमवार को सुबह 8 बजे कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल की अध्यक्षता में सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती (राष्ट्रीय एकता दिवस) एवं यूनिटी फॉर रन का आयोजन अधिष्ठाता छात्र कल्याण, एक भारत श्रेष्ठ भारत एवं राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
मंचस्थ अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्जवलन कर मां सरस्वती, संत गुरु घासीदास जी एवं सरदार पटेल के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किये गये। नन्हें पौधे से अतिथियों का स्वागत किया गया। स्वागत उद्बोधन कार्यक्रम के संयोजक अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. एम.एन. त्रिपाठी ने दिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि हमें सरदार वल्लभभाई पटेल से जीवन के आदर्श मूल्यों को ग्रहण करना ही सच्ची श्रद्धांजलि है। सरदार पटेल ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपने संपूर्ण जीवन की आहूति दी और अलग-अलग रियासतों में बटें देश को एक सूत्र में पिरोया। हमारे राष्ट्र की संस्कृति सर्वधर्म सम्भाव और सर्वजन कल्याण की है। युवाओं को संगठनशीलता के अद्वितीय गुण को सरदार पटेल के जीवन मूल्यों से सीखना चाहिए। युवाओं को समाज और राष्ट्र निर्माण में सक्रियता और सकारात्मकता के साथ भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति से बड़ा राष्ट्र होता है, हमें सरदार पटेल की भांति राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानकर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करना चाहिए।
गुजरात के मोरबी में पुल टूटने की दुखद घटना पर सभी के द्वारा मौन रखा गया। यूनिटी फॉर रन को कुलपति ने रजत जयंती से हरी झंडी दिखाई। यह दौड़ रजत जयंती सभागार से गुरु घासीदास जी की प्रतिमा से होकर वापस रजत जयंती सभागार में समाप्त हुई। इसके बाद अतिथियों के द्वारा सरदार पटेल के जीवन पर आधारित एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. चक्रवाल द्वारा सभी उपस्थित जनों को एकता और अखंडता की शपथ दिलाई गई । साथ ही एक भारत श्रेष्ठ भारत के बैनर तले आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये।
अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गरिमा तिवारी सहायक प्राध्यापक वानिकी, वन्य जीव एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण, अधिकारीगण एवं शोधार्थी तथा छात्र उपस्थित रहे ।