35 घंटों बाद तैरती मिली लाश..नुकीले पत्थरों में फंसा था समीर..देखने के बाद बड़े पिता ने बताया

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर (रियाज़ अशरफी)—मासूम समीर की लाश 38 घण्टे बाद उसी जगह तैरती मिली..जहां एक दिन पहले एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू करने का प्रयास किया था। सीपत पोलिस ने समीर की लाश का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। एक बार फिर मासूम की मौत का कारण अवैध पत्थर खदान ही बना है।
               जानकारी देते चलें कि ग्राम नारगोड़ा निवासी मवेशी चरवाहा परमेश्वर यादव का 5 साल का बेटा समीर यादव शुक्रवार को 12 अगस्त की शाम 5 बजे आंगन से गायब हो गया। खोजबीन के दौरान परिजनों को कुछ लोगों ने बताया कि बछड़े को हांकते हुए घर के बाजू में पत्थर खदान की तरफ जाते हुए देखा था। इसके बाद से समीर का कही पता नही चला। 
         रातभर खोजबीन के बाद दूसरे दिन यानि शनिवार को ममीर के पिता रामेश्वर यादव ने घटना की सूचना सीपत पुलिस को दी। थाना प्रभारी टीआई हरीश टांडेकर ने बिलासपुर एनडीआरएफ की टीम को बुलवाकर सात घण्टे तक पत्थर खदान के 20 फिट गहरे पानी में खोजनबीन कराया। की प्रयास के बाद भी गोतखोर समीर का पता नहीं लगा पाए।
               तीसरे तीन समीर की लाश उसी पत्थर खदान में तैरती मिली। जहां एक दिन पहले गोताखोरों ने सात घंटे तक समीर का पता लगाने का प्रयास किया था। गांव में संचालित अवैध पत्थर खदान ने मासूम समीर की जान लेकर चंद मिनटों में एक हँसता खेलता परिवार को उजड़ कर रख दिया।
बड़े पापा ने देखी पानी मे तैरती लाश
                      घटना के तीसरे दिन रविवार की सुबह समीर के बड़े पापा रामेश्वर यादव ने पत्थर खदान में समीर की लाश को तैरते देखा। तत्काल इसकी सूचना पोलिस को दी टीआई ने पानी से बॉडी निकलवाया और मौके पर ही पीएम कराकर लाश परिजनों को सौंप दिया।
पत्थर के बीच फंसी थी समीर की लाश*
           पत्थर खदान के किनारे में 15 फिट की गहराई है। आशंका जताई जा रही है कि खाई के अंदर भारी भरकम नुकीला पत्थर है। गिरने के बाद इसी में समीर फंस गया।  गोताखोरों की टीम ने उसी स्थान पर बांस डालकर रेस्क्यू करने का प्रयास किया था। टीम के एक सदस्य का पत्थर से पैर भी कट गया था। 
 खदान को बंद करने महिला सरपंच ने प्रस्ताव किया था
ग्राम पंचायत नारगोड़ा की महिला सरपंच फूल बाई खरे के पति प्रजाराम खरे ने बताया कि पंचायत चुनाव जितने के बाद गांव में संचालित तीनों अवैध खदान को बंद कराने के लिए प्रस्ताव पारित किया था। गांव में मुनादी और पंचायत भवन में सूचना चस्पा किया गया था। लेकिन खदान को बन्द नहीं किया गया। सरपंच पति ने बताया कि प्रस्ताव को अमल में लाने अधिकारियों को विधिवत आवेदन करेंगे।
 चार माह पहले परमेश्वर गया था रहने
परमेश्वर का चार भाइयों का एक बड़ा परिवार है। पहले सभी लोग नारगोड़ा की बस्ती में रहते थे। चार माह पहले ही भाइयों से अलग होकर भांठापारा पत्थर खदान के पास गया था ।रामेश्वर के परिवार को गए मात्र एक माह ही हुए है। और यह एक बड़ी घटना घट गई।

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