कृषि मंत्री का इस्तीफा

Shri Mi
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दिल्ली।बिहार की सियासत से बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के बाद अब नीतीश सरकार में बने कृषि मंत्री और राजद नेता सुधाकर सिंह ने भी मंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अपना त्याग पत्र सौंप दिया है।हालांकि, अभी इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। इस बात की पुष्टि राजद प्रदेश अध्यक्ष व सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह ने भी की है। जगदानंद सिंह ने कहा कि कृषि मंत्री किसानों के हक में अपनी आवाज उठा रहे थे लेकिन अंत में उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया, ताकि लड़ाई आगे नहीं बढ़े।

             
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अपने बयानों से चर्चा में आए थे सुधाकर सिंह
बता दें कि बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने हाल ही में तब खूब चर्चाओं में रहे थे जब उन्होंने अपने ही विभाग में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया।  राजद नेता ने तब विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने बयान दिया था कि उनके विभाग के सभी अधिकारी चोर हैं और इस विभाग के प्रमुख होने के नाते वह चोरों के मुखिया हैं। कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा था कि हमारे ऊपर भी और कई सरदार मौजूद हैं। उन्होंने कहा, ये वही पुरानी सरकार है। इसके चाल चलन पुराने हैं। हम लोग तो कहीं कहीं हैं लेकिन जनता को लगातार सरकार को आगाह करना होगा। बता दें कि  सुधाकर सिंह, कैमूर जिले के रामगढ़ से पहली बार विधायक बने हैं।

राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के बेटे हैं सुधाकर सिंह
बता दें कि सुधाकर सिंह वर्तमान राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं और अभी कैमूर के रामगढ़ से विधायक हैं। सुधाकर सिंह 2010 में पिता से बगावत कर भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन वे चुनाव हार गए। सुधाकर सिंह की शैक्षणिक योग्यता Graduate है और उनकी उम्र 44 साल है। राजनीति में आने से पहले सुधाकर सिंह खेती का काम किया करते थे।

सुधाकर सिंह पर चावल घोटाले का आरोप
बता दें कि यह चावल घोटाला 2013-14 में हुआ था। उनपर आरोप था कि उन्होंने चावल जमा नहीं करवाए और उसे गबन कर गए। न्यायिक दंडाधिकारी की प्रथम अदालत में ये मामला अब भी लंबित है। रामगढ थाने में ही उन पर केस हुआ था। लेकिन, लालू यादव के परिवार से उनके पिता की नजदीकी काम कर गई और उन्हें मंत्री पद मिल गया।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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