एअरपोर्ट की सुनवाई..हाईकोर्ट ने कहा.. अब सेना अधिकारी ही देंगे जवाब… महाधिवक्ता ने भी दी जानकारी..

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—हाईकोर्ट डबल बैंच में आज चकरभाठा एअरपोर्ट को लेकर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप दुबे और सुदीप श्रीवास्तव ने एयरपोर्ट में 3 सी और 4सी कैटेगरी की मांग को लेकर पक्ष पेश किया। राज्य शासन की तरफ से महाधिवक्ता सतीशचन्द्र वर्मा ने स्टेटस रिपोर्ट और अतिरिक्त जवाब प्रस्तुत किया।
 
               हाईकोर्ट के बैंच में चकरभाठा एअरपोर्ट को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप दुबे और सुदीप श्रीवास्तव ने एयरपोर्ट की 3सी और 4 सी कैटेगरी को लेकर अपनी बातोंको रखा। सुनवाई के दौरान राज्य की तरफ से महाधिवक्ता सतीष चन्द्र वर्मा ने कोर्ट के सामने स्टेटस रिपोर्ट पेश किया। महाधिवक्ता ने अतिरिक्त जवाब भी पेश किया। उन्होने बताया कि  बिलासपुर एयरपोर्ट 3सी कैटेगरी के उड़ान के लिए तैयार है । राज्य शासन ने 78 एकड़ जमीन सेना प्रबंधन से वापस लिया है।  काम मे तेजी आयी है। अभी तक सेना की तरफ से निर्माण में अड़ंगा लगाया जा रहा था। निर्माण कार्य समेत सभी काम 10 दिन के अन्दर पूरा कर लिया जाएगा।
 
                महाधिवक्ता सतीश वर्मा ने बताया कि 5 अक्टूबर 2020 को राज्य शासन ने डायरेक्टर ऑपरेशन ऐरो स्टैण्डर्ड को पत्र लिखकर बिलासपुर एयरपोर्ट को 2C VFR से 4सी IFR में परिवर्तित करने के लिए अनुमति दिए जाने की मांग की है। 12 अक्टूबर को सिविल एविएशन दिल्ली ने राज्य सरकार को पत्र के माध्यम से  4 सी IFR लाइसेंस के लिए जरूरी दस्तावेज मांगा गया।  19 अक्टूबर को सभी पक्षों की बैठक हुई। बैठक में गहन चर्चा के बाद बताया गया कि 4सी के लिए बहुत निर्माण और और जमीन की जरूरत है।
 
                   प्रैक्टिसिंग बार की तरफ से सुदीप श्रीवास्तव ने आवेदन फ़ाइल कर डिवीज़न बेंच को बताया कि नियम और शर्तों के अनुसार सरकार सेना से जमीन लेगी तो लगभग लगभग 1 साल से अधिक लग जाएगा। सेना को जमीन दिए जाने के समय एक शर्त यह भी थी कि यदि जमीन का कोई उपयोग 10 वर्ष तक नही होता है तो सरकार जमीन वापस ले सकती है। जैसा कि बस्तर में स्टील प्लांट की जमीन वापस ली गयी है। लेकिन सेना के साथ ऐसा ना हो। हम चाहते है सेना के 1100 एकड़ जमीन में से सिर्फ 200 एकड़ जमीन  4सी के लिए प्रशासन को दे। अगर सेना जमीन देने में अड़ंगा दाल रही है तो 200 एकड़ लिया जा सकता है। जबकि सरकार ने सेना को स्पष्ट किया है कि जमीन को  बाजार मूल्य से वॉयस लेगी। या आसपास स्थित दूसरी जमीन देने को तैयार है। 
 
                केंद्र सरकार और सेना के वकील रमाकांत से न्यायालय ने पूछा कि आप ने कुछ जानकारी नही दी है। रमाकांत मिश्र ने कहा राज्य ने जो फ़ाइल किया उसकी कॉपी नही मिली है।  कोर्ट ने बताया कि कॉपी आपको कल ही दे दी गयी है। ,हम अगली पेशी में सेना के उच्चाधिकारियों को कोर्ट में बुलाकर  पूछेंगे कि 4सी के निर्माण में अड़ंगा क्यो डाल रहे है।
 
           सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है। मामले में कमल दुबे की तरफ से आशीष श्रीवास्तव खड़े हुए।

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