कैसे बनाए जाते है बोरे और बासी,“बोरे बासी” खाते कलेक्टर-SP सहित सभी जनप्रतिनिधि करेंगे फोटो ट्वीट

Shri Mi
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रायपुर।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 मई मजदूर दिवस को छत्तीसगढ़ में “बोसे बासी” के साथ मनाने की अपील की है। मौजूदा मौसम की स्थिति और पारंपरिक भोजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री के इस अपील के मद्देनजर, सभी कलेक्टरों को राज्य शासन की तरफ से निर्देश जारी किये गये हैं। जारी निर्देश के मुताबिक कलेक्टर सहित जिले के प्रमुख शख्सियत अपने-अपने घरों में बोरे बासी खाते हुए तस्वीरें ट्विटर पर शेयर करेंगे।

             
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जारी निर्देश में कहा गया है कि कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीईओ के अलावे पद्मश्री, विधायक, निगम-मंडल के अध्यक्ष, महापौर सहित अन्य जनप्रतिनिधि 1मई को अपने-अपने घरों में “बोरे बासी” खायेंगे और अपनी तस्वीरों को डिस्ट्रिक्ट ट्वीटर हैंडल पर शेयर करेंगे। आपको बता दें कि कल ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी प्रदेशवासियों से अपील की थी, कि श्रम दिवस पर बोरे बासी खाकर श्रमिकों का सम्मान करे।

छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध और जायकेदार भोजन बोरे और बासी है। बोरे और बासी खाने से न सिर्फ गर्मी और लू से राहत मिलती है बल्कि बीपी कंट्रोल रहता है डि-हाइड्रेशन की समस्या नहीं होती। पारंपरिक भोजन के साथ इस भोजन में ढेर सारे औषधीय तत्व भी मिलते हैं, जो ना सिर्फ अपने इम्युनिटी पावर को बढ़ाता है, बल्कि शारीरिक तापमान को भी नियंत्रित करता है। दुनिया के सबसे आधुनिक कहे जाने वाले देश अमरीका में छत्तीसगढ़ के बोरे-और बासी पर शोध हुआ है। अमरीका ने बासी पर शोध कर इससे होने वाले फायदे और वैज्ञानिक कारण ढूंढ निकाला है। बासी का वैज्ञानिक और अंग्रेजी नाम है (होल नाइट वाटर सोकिंग राइस) अमरीका शोध के मुताबिक बासी खाने से न सिर्फ गर्मी और लू से राहत मिलती है बल्कि हाइपरटेंशन सहित बीपी भी नियंत्रित रहता है।

बघेल ने कहा कि एक मई को हर साल हम इन्हीं मेहनतकश लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए मजदूर दिवस मनाते हैं। हम सभी को मालूम है कि हर छत्तीसगढ़िया के आहार में बोरे-बासी का कितना अधिक महत्व है। हमारे श्रमिक भाईयों, किसान भाइयों और हर काम में कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली हमारी बहनों के पसीने की हर बूंद में बासी की महक है।जब हम कहते हैं बटकी मा बासी अऊ चुटकी मा नून…तो यह श्रृंगार हमें हमारी संस्कृति से जोड़ता है। गर्मी के दिनों में बोरे बासी शरीर को ठंडा रखता है, पाचन शक्ति बढ़ाता है त्वचा की कोमलता और वजन संतुलित करने में भी यह राम बाण है। बोरे बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

कैसे बनाए जाते है बोरे और बासी
कुछ लोग बोरे और बासी को एक ही समझते हैं। उसे बताना चाहेंगे कि बोरे और बासी में क्या अंतर होता है। खाने के बाद बचे चावल को रातभर पानी में डुबाकर रखते हैं उसे बासी कहते है और सुबह खाते हैं। वहीं रात को बने चावल को ठंडा होने के बाद पानी डालकर रात में खाते हैं उसे बोरे कहते हैं।

इससे बढ़ जाता है जायका
बोरे और बासी को ऐसे ही नहीं खाया जाता है। बासी के लिए सबसे जरुरी चीज है नमक। छत्तीसगढ़ के लोग इसे सुबह छाछ, दही और भरपूर मात्रा में नमक डालकर हर्री मिर्ची और प्याज के साथ खाते हैं। वहीं उच्च वर्ग और संपन्न लोग आचार, पापड़ और बिजौरी के साथ खाते हैं।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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