अमर ने कहा..सरकार फैला रही भ्रम..जीएसटी को बना रही राजनीतिक मुद्दा..सरकार सभी मोर्चे में फेल

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- पूर्व वाणिज्यिक कर मंत्री अमर अग्रवाल ने राज्य सरकार पर जीएसटी को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। अमर ने सरकार को जीएसटी को मुद्दा बनाकर राजनीति नही करने की सलाह दी है। उन्होने कहा कि केन्द्र में सरकार किसी की भी हो..लेकिन राज्यों को संवैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है।
 
                       पूर्व वाणिज्यिक कर मंत्री अमर अग्रवाल ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होने केन्द्र से जीएसटी बकाया राशि नहीं मिलने को लेकर कहा कि राज्य सरकार  भ्रम फैला रही है। बेहतर होगा कि राज्य सरकार जीएसटी को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाए। पेपरबाजी और राजनीतिक माहौल के लिए कई दूसरे प्लेटफार्म भी हैं।
 
             अमर ने कहा कि 15 साल हमारी भी सरकार रही। दस साल केंद्र में यूपीए की सरकार थी। सरकार एक भी उदाहरण बताए जब हमने कहा हो कि केंद्र सरकार पैसे नहीं देती? जबकि मालूम होना चाहिए कि केंद्र और राज्य के अधिकार पूरी तरह से बंटे हुए हैं। पैसे राज्यों को कैसे मिले, इसके अपने नियम है। केंद्र सरकार चाहे किसी की भी हो, राज्यों के संवैधानिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।
 
               पूर्व मंत्री ने  बताया कि जीएसटी में कभी नहीं कहा गया कि भारत सरकार राज्यों की क्षतिपूर्ति करेगी। बल्कि स्पष्ट है कि पांच सालों तक राज्यों को होने वाली हानि की भरपाई जीएसटी काउंसिल करेगी। जीएसटी के तहत कोयले, तम्बाकू, लग्जरी आपूर्ति में जो सेस लगे हैं।  सेस क्षतिपूर्ति के हिसाब से ही लगे हैं। इससे ही राज्यों के नुकसान की भरपाई होगी।
 
           केन्द्र सरकार ने यह भी स्प्ष्ट किया है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि बैंकों से लोन लेकर देगी। इसका भुगतान भी केन्द्र सरकार करेंगी। अमर ने बताया कि देश कोरोना से परेशान है। जाहिर सी बात है कि राजस्व को नुकसान पहुंचा है।  सेस की राशि कम प्राप्त हुई। तब राज्यों की तरफ से मुद्दा उठाया जा रहा है। पेपरबाजी, चिट्ठीबाजी कर मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। जबकि राजनीति करने के बहुत से प्लेटफार्म हैं। जहां तक रिवेन्यू और अधिकारों का सवाल है..पूरी तरह से कानून में उल्लेखित है। इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।
 
राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए
 
                         वैक्सीनेशन को लेकर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य सरकार पर हमला बोला ।  उन्होंने कहा कि 18 प्लस वैक्सीनेशन पर छत्तीसगढ़ सरकार की नीति शुरु से ही गलत है। अलग-अलग काउंटर बनाए गए। इससे वैक्सीनेशन का काम स्लो हो गया। हाईकोर्ट को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। राज्य सरकार ने वैक्सीनेशन का अधिकार मांगा था और केंद्र ने दिया। बाद में राज्य ने हाथ खड़े कर दिए। अब देश देश  में वैक्सीनेशन को लेकर एक ही नीति होगी..अच्छा कदम है।शुरूआती दौर में जब तक भारत सरकार के पास वैक्सीनेशन का कार्यक्रम था। तब तक बहुत ही अच्छे तरह से हुआ।
 
             अमर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने खुद ही मुफ्त वैक्सीनेशन की घोषणा की थी। फिर उन्होने इसे केंद्र सरकार की तरफ से चलाने को कहा।  पिछले फेज में मुख्यमंत्री ने ही कहा था कि लॉकडाउन का अधिकार राज्यों को दिया जाए। जब केंद्र ने  राज्यों को जिम्मेदारी दी तो सीएम भूपेश बघेल ने कहना शुरू कर दिया कि केंद्र ने सब कुछ राज्यों के भरोसे छोड़ दिया है। सवाल उठना लाजिम है कि जब अधिकार दिया गया तो उसका पालन ठीक से क्यों नहीं किया गया। असफल होने पर केन्द्र सरकार को दोषी ठहराना ठीक नहीं।

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