जीपीएम…..अमित जोगी ने सरकार की धान ख़रीदी रण नीति और बयान पर अपना बयान दिया है। जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बिहार से धान की लुआई की बात स्वीकार करते हैं। लेकिन किसानों की धान ख़रीदी 1 दिसंबर से शुरू करने पर अड़े हुए हैं। दोनों बातों में विरोधाभास है।
जनता कांग्रेस नेता अमित जोगी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री की धान लुआई के ट्विट पर निशाना साधा है। जोगी ने कहा कि अभी तक निश्चित नहीं किया गया है कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सेंट्रल पूल का कोटा-कितना और किन शर्तों में धान ख़रीदेगी?- एक हफ़्ते में दो बार 1000-1000 करोड़ कर्ज लेने वाली सरकार के पास किसानों का धान ख़रीदने के लिए एक फूटी कौड़ी नहीं है। अगले 24 दिन किसान अपनी फसल का क्या करेगा। उत्पादन को कहाँ रखेगा? नष्ट होने के डर में वह बिचौलियों को आधे दाम में बेचने में मजबूर होगा।
इतनी देर से धान ख़रीदी शुरू करने से 1साल में 4किश्तों के 2500 एमएसपी का पूरा फ़ायदा किसानों की जगह बिचौलियों को ही मिलेगा। यदि किसानों का भला करना है,तो कांग्रेस सरकार को 15 नवम्बर से ही किसानों की धान ख़रीदी करनी चाहिए। इससे किसान दिवाला होने से बचेगा। उसकी दीवाली भी अच्छी होगी।