जोगी ने पूछा कौन हैं…. पुनिया…? SC समाज के लिए क्या किया…..? कलेक्टर को कहा डिमॉलिश मेन…

Chief Editor
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_20171226_151432बिलासपुर । मरवाही विधायक और छत्तीसगढ़ जनता काँग्रेस के नेता अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पी एल पुनिया पर खुलकर हमला बोला है। अव्वल तो उन्होने सवाल किया कि – ये पुनिया -..निया कौन हैं….।  फिर कहा कि पी एल पुनिया ने राष्ट्रीय उनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रहते हुए छठत्तीसगढ़ के सतनामी समाज के लिए क्या किया….। जबकि अनुसूचित जाति का आरक्षण 16 फीसदी से घटाकर 14 फीसदी कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ के सतनामी समाज को एक  जाति विशेष  के साथ जोड़ दिया गया है…। इन मुद्दों को समाज के लोगों ने पुरजोर तरीके से उठाया था । लेकिन इसके लिए पुनिया ने कुछ नहीं किया ।

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cfa_index_1_jpgजिला कलेक्टर से मिलने कलेक्टोरेट पहुंचे अमित जोगी संवाददाताओँ के सवालों का जवाब दे रहे थे। उनसे सवाल किया गया था कि प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पी एल पुनिया ने जोगी कांग्रेस पर नूरा कुश्ती का आरोप लगाया है। इस पर अमित जोगी ने कहा कि – हम आउट सोर्सिंग के खिलाफ लड़ रहे हैं और यहां आउटसोर्सिंग कर पुनिया जैसे नेताओँ को बुलाया जाता है। जिन्हे एक समय राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में संवैधानिक पद सौंपा गया था। जब उन्होने अनुसूचित जाति और खासकर सतनामी समाज के लिए क्या किया। जोगी ने याद दिलाया कि अनुसूचित जाति का आरक्षण 16 से 14 प्रतिशत किया गया ।

इसे लेकर एक नहीं एक हजार डेलीगेशन उनसे मिलने गया। अजा आयोग के अध्यक्ष के रूप में उन्हे यह अधिकार था कि वे अजा से संबंधित रिपोर्ट और सिफारिशें पेश कर सकते थे और कह सकते थे कि आरक्षण में कटौती के फैसले को वापस लिया जाए। इसी तरह यह मामला भी है कि अनुसूचित जाति की जो सूची तैयार की गई है, उसमें सतनामी पंथ के लोगों  का नाम एक  जाति विशेष  के साथ जोड़ दिया गया है। इस सिलसिले में भी अनेक डेलीगेशन पुनिया जी से मिले कि इन्हे अलग कर दो। दोनों जाति के लोग अलग-अलग हैं। तब भी उन्होने कुछ नहीं किया। जब उनके हाथ में पावर था जब जितने भी छत्तीसगढ़ के अजा वर्ग के लोग हैं उनके साथ कुठाराघात किया , हमेशा उनका अहित किया , एक भी हित नहीं किया । अब उन्हे प्रभारी बनाकर भेज दिया गया है कि और डुबाओ….।

नूरा कुश्ती के आरोपों से जुड़े एक सवाल के जवाब में जोगी ने कहा कि राजनीति के दंगल में नूरा कुश्ती कौन कर रहा है। यह सभी के सामने है। उन्होने ध्यान दिलाया कि एक तरफ किसान  अकाल की मार झेल रहे हैं और  854  किसानों ने आत्महत्या कर ली है। ऐसे में दोनों ही राष्ट्रीय राजनैतिक दल के लोगों ने क्या किया..। विधानसभा में खुद के वेतन और सुविधाओँ में 4 गुना बढ़ोतरी करते हुए विधेयक पारित कर दिया। उन्हे इस बात की फिकर नहीं है कि प्रदेश में कृषि उत्पादन 52 हजार करोड़ से 32 हजार करोड़ हो गया है। इस तरह किसानों को सीधे 20 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। लेकिन किसानों को किसी तरह की राहत नहीं मिल रही है।


अमित जोगी ने कहा कि नाम के अनुरूप बिलासपुर के कलेक्टर को दयालू होना चाहिए । लेकिन वे जब से आए हैं तब से ऐसा लग रहा है कि कलेक्टोरेट में कलेक्टर नहीं डिमॉलेशन मेन आ गया है। जहा बरसों से लोग बसे हुए हैं औऱ अपना व्यवसाय चला रहे हैं , उन्हे खदेड़ा जा रहा है। उनकी दुकानों में बुल्डोजर चलाकर ध्वस्त किया जा रहा है। सिटी कोतवाली और तिफरा के हाइटेक बस स्टैंड में इसी तरह बरसों से व्यवसाय करने वाले लोगों पर बुलडोजर चलाया गया है। जबकि हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि पहले वैकल्पिक व्वस्था करने के बाद फिर उन्हे हटाया जाए। लेकिन हाईकोर्ट की अवमानना कर उन्हे बेदखल कर दिया गया है।

उन्होने सूखा राहत में के मामले में भी पटवारियों की मनमानी का मामला उठाते हुए कहा कि यह जिला पिछले तीन साल से अकालग्रस्त है और किसानों को मौसम आधारित बीमा योजना के तहत राहत दी जानी चाहिए। अमित जोगी ने यह भी कहा कि सीपत एनटीपीसी के लिए जिनकी जमीने ली गई हैं, उन्हे नौकरी अब तक नहीं मिली है। लोग भटक रहे हैं और संघर्ष कर रहे हैं। इस बारे में त्रिपक्षीय वार्ता में तय किया गया था कि एनटीपीसी की ओर से नौकर पर अड़ंगा लगाने वाले बेतुके कारणों को खारिज किया जाए । लेकिन इस पर भी अब तक कुछ नहीं हुआ है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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