अमित जोगी ने कहा..नामांकन रद्द करने की साजिश..जाऊंगा कोर्ट.. कलेक्टर नही कर सकते निरस्त

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— जनता कांग्रेस नेता अमित जोगी ने एक बार फिर विपक्ष पर निशाना साधा है। जोगी ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि उनकी याचिका पर आपत्ति को लेकर लोग सर्वोच्च कोर्ट भी पहुंच गए हैं । जोगी ने कहा कि हार के भय से सर्वोच्च न्यायालय में मेरी याचिका पर विरोधियों नेअलग अलग लगाए हैं। जबकि हम पति पत्नी चुनाव लड़ने का अधिकार रखते हैं।
 
                   जोगी ने कहा कि उनके खिलाफ लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। चुनाव में नामांकन रद्द कराने लोग कोर्ट में अलग अलग आपत्ति याचिका डाल रहे हैं। जबकि सबको मालूम है कि हम पति पत्नी चुनाव लड़ने के अधिकारी है। बावजूद इसके लोग लोग नामांकन दाखिल करने से रोकने का दुस्साहस कर रहे हैं। यदि ऐसा कुछ हुआ तो पूरी चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने न्यायालय और जनता की शरण मे जाऊँगा।
 
                जनता काँग्रेस नेता  अमित जोगी ने कहा कि मेरे और मेरी पत्नी की जाति का फैसला मुख्यमंत्री की अदालत में नहीं। बल्कि जनता की अदालत में होगी। अगर 17 अक्टूबर 2020 को नामांकन पत्रों की छानबीन के दौरान मुख्यमंत्री के इशारे पर मेरी या पत्नी का नामांकन  निरस्त किया जाता हैं, तो मैं तत्काल उपचुनाव की पूरी प्रक्रिया को रद्द करवाने और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही के लिए न्यायालय की शरण में जाऊंगा। 
 
          जोगी ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता की अदालत में अपने पिता के स्वर्गवास के बाद परिवार के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार को लेकर न्याय माँगने जाऊंगा।
अमित जोगी ने कहा सरकार की बहुत बड़ी गलतफहमी है कि मेरे पिता के  स्वर्गवास के बाद मैं अनाथ और असहाय हो गया हूँ। मेरे सिर पर मरवाही के ढाई लाख लोगों का पांच लाख हाथ का आशीर्वाद है। इसी डर से सरकार ने मरवाही पूरी ताकत झोंक दी है। 
 
                        अमित जोगी ने जानकारी दी कि सर्वोच्च न्यायलय में लगाई गई याचिका पर रजिस्ट्रार जेनरल ओफ़ इंडिया के सामने प्रारम्भिक सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार, प्रदेश छानबीन समिति, जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति और कलेक्टर जीपीएम से शीघ्र सुनवाई करने के विरुद्ध चार अलग-अलग आपत्ति आनन-फ़ानन दर्ज की गई है। इससे स्पष्ट है कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई में विलंब करने में एड़ी चोटी एक कर रही है। इन सबके बावजूद मुझे न्यायपालिका में पूरी आस्था है। हमेशा की तरह मेरे साथ कुछ ग़लत नहीं होने वाला है। 
 
         अमित जोगी ने बताया कि मुंगेली जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति ने डॉ ऋचा जोगी  का जाति प्रमाण पत्र अब तक निरस्त नहीं किया गया है। 24 सितंबर 2020 के बाद नियमों में जो ग़ैर क़ानूनी संशोधन किया गया है, इसके अंतर्गत कलेक्टर को जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने का अधिकार नहीं है। वह केवल जाति प्रमाण पत्र को अस्थाई रूप से निलंबित कर सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय से पारित अनेकों फैसलों के अनुसार जब तक उच्च स्तरीय छानबीन समिति से किसी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त नहीं होता, तब तक उस व्यक्ति को चुनाव लड़ने का मौलिक अधिकार नहीं छीना जा सकता है।
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