बिलासपुर—मरवाही विधायक अमित जोगी ने शून्यकाल के दौरान पोलावरम बाँध का मुद्दा उठाया। जोगी ने विधानसभा अध्यक्ष के संज्ञान में लाया कि सदन में एक स्थगन प्रस्ताव दिया है। जिसमें पोलावरम् बांध के कारण विस्थापित किसानों का मुद्दा है। जोगी ने कहा कि आँध्रप्रदेश मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा है कि पोलावरम प्रभावितों को मुआवजे के सम्बन्ध में छत्तीसगढ़ के मुखयमंत्री ने सहमति दे दी है।
जोगी मामले को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने मुआवजा का इतना बड़ा फैसला ले लिया है…लेकिन किसी को अभी तक जानकारी नहीं है। दो लाख लोगों के घर पोलावरम बाँध से बर्बाद हो जाएंगे।अमित जोगी ने विधानसभा अध्यक्ष से स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार कर चर्चा कराए जाने का अनुरोध किया। साथ ही मामले में मुख्यमंत्री से सदन में श्वेत पत्र जारी किये जाने की मांग भी की।
जोगी के मुद्दे पर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि एक दिन में एक से ज्यादा स्थगन स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए स्थगन प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जाता है। बावजूद इसके अमित जोगी ने मुद्दे पर पुनःआग्रह किया।
विधानसभा अध्यक्ष के एक स्थगन स्वीकार किए जाने पर अमित जोगी ने पॉइंट ऑफ़ आर्डर का मुद्दा उठाया। जोगी ने कहा कि किसानों को बोनस दिए जाने के मामले में सबसे पहले 15 दिसंबर 2017 को स्थगन प्रस्ताव की सूचना दी। लेकिन किसानों से सम्बंधित स्थगन प्रस्ताव की सूचना पढ़ते समय उनका नाम गायब कर दिया गया।
एक अन्य मामले में अमित जोगी ने पॉइंट ऑफ़ आर्डर उठाते हुए कहा कि उनके प्रश्न को स्वीकार नहीं किया गया। जबकि उन्ही शब्दों में विधायक धनेन्द्र साहू के सवाल को स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद अध्यक्ष ने अमित को कक्ष में मिलकर बात रखने को कहा।