अमित शाह ने बताया पीएम मोदी ने कैसे लिया सर्जिकल स्ट्राइक, तीन तलाक और धारा 370 का फैसला

Shri Mi
7 Min Read

दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पदों पर रहते हुए 20 साल पूरा करने के मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने देश की छवि को बेहतर करने में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा, दुनिया में भारत की इमेज खराब हो चुकी थी, पीएम मोदी ने उसे बेहतर करने में पहले दिन से काम किया. गृह मंत्री ने कहा पीएम मोदी जी के सार्वजनिक जीवन के 3 हिस्से किए जा सकते हैं. भाजपा में आने के बाद संगठनात्मक के रूप में, गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में और राष्ट्रीय राजनीति में प्रधानमंत्री के रूप में.

Join Our WhatsApp Group Join Now

क्या प्रधानमंत्री किसी की नहीं सुनते, अकेले फैसला करते हैं ? क्या है सच? इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘मैंने नरेंद्र मोदी जैसा श्रोता नहीं देखा. मैंने मोदी जी का काम नजदीक से देखा है, वो धैर्यपूर्वक निर्णय लेते हैं और अंतिम व्यक्ति की बात भी सुनते हैं. व्यक्ति के सुधार के निर्णय को उसकी महत्वता के आधार पर लेते हैं न कि व्यक्ति के आधार पर.’

लेफ्ट की पार्टियों पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘वामपंथी रास्ता गरीब का उत्थान करना है ही नहीं, बल्कि उसके अंदर के असंतोष को राजनीतिक पूंजी बनाकर सत्ता पर बैठना है. करीब 27 साल बंगाल में वामपंथी शासन के बाद बंगाल की स्थिति देखिए, त्रिपुरा की स्थिति देखिए, और इनकी गुजरात से तुलना कीजिए.’

सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसलों पर अमेरिका का एकाधिकार माना जाता था…

अमित शाह ने कहा, पीएम मोदी जोखिम लेकर फैसला करते हैं. वो कहते रहे हैं कि हम देश बदलने के लिए सरकार में आए हैं, सरकार चलाने के लिए सरकार में नहीं आए हैं. भारत की जनता को पूरी दुनिया में सबसे आगे लेकर जाना है. उनका एक ही लक्ष्य है भारत प्रथम.

उन्होंने कहा कि पहले कोई सर्जिकल स्ट्राईक की सोच भी नहीं सकता था, ऐसे फैसलों पर सिर्फ अमेरिका का एकाधिकार माना जाता था, लेकिन पीएम मोदी ने कर दिखाया. नोटबंदी का फैसला और कोई ले ही नहीं सकता था. इससे देश के अर्थतंत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन आया. इसी प्रकार जीएसटी पर भी पहले किसी की हिम्मत नहीं हुई. तीन तलाक कानून, धारा 370, पेरिस समझौता, नई शिक्षा नीति, वन रैंक वन पेंशन, चीफ ऑफ डिफेंस बनाने का निर्णय.

जोखिम लेकर फैसले करते हैं मोदी

ये सब वो फैसले हैं जो इससे पहले लेने में सरकारें डरती थीं, लेकिन पीएम मोदी ने इसे निर्भिक रूप से लिया. गृह मंत्री ने कहा कि वो ये सब फैसला इसिलिए ले पाए कि उनका लक्ष्य सरकार चलाना नहीं, बल्कि जनता की भलाई था. उनका दलगत स्वार्थ और व्यक्तिगत स्वार्थ से विश्वास में कमी आती है. उनमें ये दोनों ही नहीं हैं. पीएम मोदी जोखिम लेकर फैसले करते हैं ये बात सही है. उनका मानना है और कईं बार उन्होंने कहा भी है कि हम देश बदलने के लिए सरकार में आए हैं केवल सरकार चलाने के लिए नहीं. हमारा लक्ष्य देश में परिवर्तन लाना है.

तीन कालखंड बेहद चुनौतीपूर्ण रहे

पीएम मोदी के कार्यों पर बात करते हुए अमित शाह ने संसद टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मोदी जी के सार्वजनिक जीवन के 3 हिस्से किये जा सकते हैं. एक भाजपा में आने के बाद पहला कालखंड संगठनात्मक काम का था. दूसरा कालखंड उनके गुजरात के मुख्यमंत्रित्व काल का था और तीसरा राष्ट्रीय राजनीति में आकर वो प्रधानमंत्री बनें.’

उन्होंने कहा, जब देश में भाजपा की 2 सीटें आई, तब मोदी जी भाजपा गुजरात के संगठन मंत्री बनें और 1987 से उन्होंने संगठन को संभाला. उनके आने के बाद सबसे पहला चुनाव अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन का हुआ और पहली बार वहां भाजपा अपने बूते पर सत्ता में आई. ये तीनों कालखंड बेहद चुनौतीपूर्ण रहे. जैसे जब उनको भाजपा में भेजा गया, वो संगठन मंत्री बनें तो उस समय भाजपा की स्थिति सही नहीं थी. गुजरात कोई पहले से भाजपा के अनुकूल राज्य नहीं था.

‘दुनिया में देश का कोई सम्मान नहीं था’

गृह मंत्री ने कहा, यूपीए की सरकार में हर क्षेत्र में देश नीचे की ओर जा रहा था, दुनिया में देश का कोई सम्मान नहीं था, नीतिगत फैसले महीनों तक सरकार की आंतरिक कलह में उलझते रहते थे, एक मंत्री महोदय तो 5 साल तक कैबिनेट में नहीं आए. ऐसे माहौल में मोदी जी ने देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला, आज सारी व्यवस्थाएं अपनी जगह पर सही हो रही हैं.

उन्होंने कहा, 130 करोड़ की आबादी वाले विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को दुनिया में एक सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाना है. वो इसलिए नहीं डरते हैं कि सत्ता में बने रहना लक्ष्य नहीं है, एकमात्र लक्ष्य ‘राष्ट्र प्रथम’ को लेकर वो चलते हैं.

अमित शाह ने कहा कि जब वो भारत के प्रधानमंत्री बने उस समय देश हर क्षेत्र में लगातार नीचे जा रहा था, दुनिया में देश का कोई सम्मान नहीं था, देश की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा लचर थी. ऐसे माहौल में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला और आज हम देखते हैं कि 7 साल के अंदर सारी व्यवस्थाएं अपनी अपनी जगह सही हैं.

गुजरात में भाजपा का संगठन मॉडल स्टडी करने जैसा

गुजरात में भाजपा का संगठन मॉडल स्टडी करने जैसा है जो मोदी जी ने उस वक्त बनाया था और समय-समय पर उसमें समयानुकूल परिवर्तन भी होते गए. जो भूकंप एक जमाने में भाजपा के लिये धब्बा बन जायेगा ऐसा लगता था वो भूकंप के विकास कार्य की पूरे विश्व ने सराहना की. आप भुज जाकर देख लीजिये, एक ओर लातूर का भी भूकंप है और भुज का भी है . पूरे भुज का नवनिर्माण हुआ, विकास दर उसके बाद 37% ज्यादा बढ़ी.

गुजरात में मोदी जी कोस्टल क्षेत्र के लिये भी योजना लेकर आये जो नेगलेक्टेड पड़े थे जबकि सबसे ज्यादा खनिज संपदा वहीं थी. बंदरगाह के कारण सबसे ज्यादा इंडस्ट्री वहीं लगी थी. पूरे सागर छोर को रोड से जोड़ा और हर तहसील के लिये एक डिवलेपमेंट प्लानिंग बनाई गई.

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close