रामानुजगंज (पृथ्वीलाल केशरी)–पूस की रात की कहानी को लोगों ने पढ़ा ही होगा। बताने की जरूरत नहीं है कि पूस की रात कितनी भारी होती है। खासकर वनांचल क्षेत्र में पारा बहुत ही नीचे गिर जाता है। कमोबेश यही हालत रामानुजगंज क्षेत्र का भी है। क्षेत्र के लोग इन दिनों जबरदस्त ठिठुरन का सामना करने को मजबूर है। ठण्ड से बचाव के लिए लोग विभिन्न प्रकार से जतन कर रहे हैं। पिछले 10-12 दिनों से सर्दी के प्रकोप से रात और दिन का पारा काफी नीचे चला गया है। हड्डी को कपा देने वाली ठण्ड से बचाव के लिए अभी तक नगर पंचायत की तरफ से अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं हुई है। जबकि शासन-प्रशासन को ठंड शुरू होते ही अलाव की व्यवस्था करना जरूरी है।
कूड़ा-करकट जला रहे हैं लोग
नगर पंचायत की तरफ अलाव जलाने के लिए लकडिय़ों का इंतजाम नहीं किया गया है। लोग ठण्ड से बचने अपने स्तर पर कूड़ा-करकट बीनकर अलाव जलाकर सर्दी से बचने का प्रयास कर रहे हैं। ठण्ड इस स्तर तक है कि लोग प्लास्टिक जलाने को मजबूर हैं। यह जानते हुए कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदायक है। कुछ स्थानों पर लोग ठण्ड को भगाने के लिए टायरों को भी चला रहे है। जिसके कारण वातावरण में बदबू फैल रहा है। इसके चलते लोगों कों दुहरी मार का सामना करना पड़ रहा है।
अलाव के लिए कलेक्टर आदेश का इंतजार
रामानुजगंज नगर पंचायत सीएमओ और परिषद के लोगों को नगर में अलाव जलाने के लिए शायद कलेक्टर आदेश का इंतजार है। नगर के मुख्य चौराहों गरीब बस्तियों अस्पतालों बस स्टैंड प्रतीक्षालय समेत कहीं भी अब तक अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं हुई है। जबकि तापमान में लगातार गिर रहा है। व्यवस्था नहीं होने से लोग ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों से अपने निजी काम को लेकर शहर आना जाना हो रहा है। नगर पंचायत क्षेत्र रामानुजगंज स्थित प्रतीक्षालय में ठहरना भी लोगों को हो रहा है। लेकिन अलाव की व्यवस्था नहीं होने से लोगों की रात भारी गुजर रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यदि किसी की ठण्ड से मौत हुई तो इसकी जिम्मेदारी नगर पंचायत की होगी।