नाराज खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने कहा..खत्म कर दूसरे विभाग में मर्ज करें पद.सालाना 25 करोड़ की होगी बचत..

BHASKAR MISHRA
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सांकेतिक फाइल फोटो
बिलासपुर—-छत्तीसगढ़ टीचर वेलफेयर यूनियन ने शासन पर अनुभव को ही प्रशासनिक और अकादमिक पदों पर नियुक्त किए जाने का दबाव बनाया है। सगंठन प्रमुख प्रशांत गुप्ता ने कहा कि यदि शासन ऐसा करने में मजबूर है तो एबीईओ पद को जल्द से जल्द मृत घोषित करे। क्योंकि अब इस बात को लेकर किसी भी स्तर पर तैयार नहीं है कि हमारे लगातार अन्याय किया जाए। 
 
               छत्तीसगढ़ टीचर वेलफेयर यूनियन प्रमुख प्रशांत गुप्ता ने बयान जारी किया है कि शिक्षा विभाग में शिक्षा क्षेत्र के अनुभवी व्यक्तियों को ही प्रशासनिक और अकादमिक पदों पर नियुक्त किया जाए। 2013 -14 में व्यापक के माध्यम से एबीईओ के पद पर योग्य लोगों का चयन किया गया। आज तक बिना किसी उम्मीद के सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी कर रहे हैं। साथ ही अत्याचार को भी भोग रहे हैं।
 
            प्रशांत ने बताया कि प्रधान पाठक और व्याख्याता में कार्यरत शिक्षक गणों को अनुभव और योग्यता के आधार पर बीईओ और एबीईओ का दायित्व दिया जा रहा है। जैसा की हमेशा से होता आ रहा है। जबकि बीईओ के पद पर सीधी भर्ती का कोई नियम भी नहीं है। उसी प्रकार विभागीय पदोन्नति से ही शिक्षक गणों में से ही एबीईओ का चयन किया जाना चाहिए। ताकि अनुभवी व्यक्तियों की नियुक्ति विभाग में हो सके।
 
                    कुछ वर्षों पहले एडीआईएस का पद हुआ करता था। जिसे अब समाप्त कर दिया गया है। एबीईओ संवर्ग के लिए शासन ने कोई कार्य नियमावली तैयार नहीं किया है। ऐसा एकमात्र कैडर है। एबीईओ की सीधी भर्ती के बाद लगभग 250 अभ्यर्थी काम कर रहे हैं। शिक्षा विभाग में इस पद की कोई उपयोगिता नहीं है।
 
          सहायक शिक्षक, शिक्षक, एलबी, व्याख्याता ही  बीआरपी, बीआरसी, संकुल समन्वयक, एपीसी , डीपीसी सभी कार्य करते है। जो काम एबीईओ को करना होता है।  इसलिए एबीईओ पद को डाइंग कैडर घोषित किया जाए। पद काबिज लोगों को अन्य कार्य मे मर्ज कर जिम्मेदारी दी जाए। ताकि शासन को 20- 25 करोड़ रु वार्षिक वेतन भत्ते का अपव्यय बंद हो सके।
 
                छत्तीसगढ़ मे़ होने वाली प्रशासकीय  विभागीय अनुभव की अनिवार्यता  की मांग बलवती हो रही है। छत्तीसगढ़ टीचर्स वेलफेयर यूनियन ने सरकार से माँग है की जिस प्रकार विभागीय भर्तियों मे़ कार्य अनुभव के आधार पर प्राथमिकता मिलती है।  शिक्षा अधिकारी के पद पर होने वाली भर्तियों मे शिक्षको को उनके कार्य अनुभव के आधार नियुक्ति की जाय। संघ के प्रदेश अध्यक्ष इदरीश खान ने क़हा की पूरे प्रदेश के शिक्षक संगठनो को इस माँग को लेकर सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।
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