नईदिल्ली।एंट्रिक्स-देवास डील में दिल्ली की विशेष CBI अदालत ने सभी आरोपियों को जमानत दे दी।अदालत ने हालांकि उन लोगों को जमानत नहीं दी, जो आज सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हुए।आरोपियों में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के पूर्व चेयरमैन जी माधवन नायर, पूर्व डायरेक्टर ए भास्कर नारायण राव और एंट्रिक्स के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर के आर श्रीधर मूर्ति हैं।सीबीआई के चार्जशीट फाइल करने के बाद आरोपियों को जमानत दी गई है।केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने 16 मार्च 2015 को इसरो के पूर्व चीफ जी माधवन और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था।इन पर एंट्रिक्स और देवास कंपनी के बीच हुए करार के दौरान अपने अधिकारिक पद का दुरुपयोग करने का आरोप है।
2005 में देवास को एस-बैंड स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल की अनुमति दी गई थी और इसके लिए कंपनी ने दो भारतीय सैटलाइट्स में स्पेस लीज पर लिया थादेवास ने यड डील इसरो की व्यावसायिक कंपनी एंट्रिक्स के साथ की थी।गौरतलब है कि 2011 के जून महीने में देवास मल्टीमीडिया ने हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट में केस फाइल कर भारत सरकार से मुआवजे की मांग की थी।
इस मामले में सरकार को उस वक्त बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब इंटरनैशनल ट्रिब्यूनल में मुकदमे में उसकी हार हुई।माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद क्षतिपूर्ति के तौर पर भारत सरकार को एक अरब अमेरिकी डॉलर का मुआवजा देना पड़ सकता है।