अपोलो ने फिर बनाया रिकार्ड..बिना छाती खोले हार्ट का आपरेशन..डाक्टरों ने बताया..इस तकनिकी से संभव बनाया गया हृदय का कीफायती आपरेशन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—छाती को चीर फाड़ किए बिना अपोलो ने हृदय का आपरेशन कर मध्यभारत मेडिकल जगत में रिकार्ड बनाया है। अपोलो प्रबंधन ने बताया कि यह कारनामा हृदय रोग शल्य चिकित्सक डॉ. अनुज कुमार और विशेषज्ञ डॉ.राजीव भांजा समेत टीम के प्रयास से संभव हुआ है। रजबकि इसके पहले इस प्रक्रिया से केवल महानगरों में ही इलाज किया जा रहा है। लेकिन अब यह अपोलो में भी संभव है।
 
                     बिलासपुर में पहली बार दूरबीन पद्धति से छाती का मेजर चीर फांड से हटकर हार्ट का सफल आपरेशन किया गया। यह जानकारी पत्रकार वार्ता के दौरान डॉक्टरों की टीम ने दी ।
 
                              पत्रकार वार्ता के दौरान शल्य चिकित्सक अनुज कुमार ने बताया कि Minimally इनवेसिव कार्डियक सर्जरी दूरबीन पद्धति से बिना छाती खोले किया जाता है। इस पद्धति से बायपास सर्जरी के दौरान छाती को चीर फाड़ नहीं किया जाता है। मामूली चीरा लगाने के बाद हृदय की गंभीर से गंभीर विमारी का आपरेशन दूरबीन के माध्यम से किया जाता है।
 
         डॉ अनुज कुमार ने बताया कि इस पद्धति से कम से कम रक्त की हानि होती है। मरीज भी तेजी के साथ ठीक होता है। संक्रमण का खतरा नहीं के बराबर होता है। सवाल जवाब के दौरान डॉ.अनुज ने बताया कि मिनिमलि इनवेसिव कार्डियक सर्जरी न्यूनतम जोखिम वाली सर्जरी है। पारंपरिक ओपन हार्ट सर्जरी की तुलना में इस पद्धति के कई लाभ है।
 
                  डॉ. अनुज ने बताया कि अपोलो में इस पद्धति से पहला आपरेशन एक 57 वर्षीय महिला का किया गया। शायद अपोलो में यह मध्य भारत की पहली मिनिमलि इनवेसिव कार्डियक सर्जरी है। जबकि पारंपरिक पद्धति में छाती की हडिडयों को काटना पड़ता है। इसके अलावा छाती को लगभग 10 इंच खोलना होता है। लेकिन इस पद्धति से हड़ियों को काटना तो दूर..मात्र  5-7 सेन्टीमीटर छोटे से छिद्र के माध्यस संपूर्ण शल्य क्रिया को अंजाम दिया जाता है।
 
                  आपरेशन दर्द रहित होता है। मरीज तेजी के साथ ठीक होकर घर चला जाता है। मजेदार बात है कि मरीज के ठीक होेने के साथ ही चीरा का निशान भी खत्म हो जाता है। 
 
              पत्रकारों को मरीज आभा देवी ने बताया कि ओपन हार्ट सर्जरी की जानकारी के बाद वह काफी डरी हुई थी। नवीन तकनीक की खूबियों और डॉक्टर की समझाइश के बाद आपरेशन के लिए तैयार हुई। अब सब कुछ सामान्य है। 
 
                अपोलो हॉस्पिटल मेडिकल सुपरिटेन्डेट डॉ. वैभव ओत्तलवार ने डॉ. अनुज कुमार और टीम की तारीफ की। उन्होने बताया कि अपोलो प्रबंधन अंचल के मरीजो और नागरिकों को नवीन चिकित्सा पद्धति और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के उपलब्ध कराने को लेकर हमेशा से प्रतिबद्ध रहा है। इसी कड़ी में न्यूनतम जोखिम भरे कार्डियक सर्जरी को बिना छाती खोले डॉक्टरों की टीम ने अंजाम तक पहुंचा। मरीज अब स्वस्थ्य है।
 
                सफल सर्जरी को लेकर डॉ राजीब भांज, वरिष्ठ . कार्डियोलॉजिस्ट, संजय ने भी सफल आपरेशन के लिए मरीज और प्रबंधन को बधाई दी। भांजा ने कहा कि आपरेशन प्रक्रिया में उन्हें शामिल होने का मौका मिला। इसके लिए प्रबंदन को शुक्रिया है। डॉ. भांजा ने ने बताया कि इस पद्धति से  हृदय का आपरेशन खर्च.. पुरानी ओपन हार्ट सर्जरी की तुलना में बहुत ही कम है।

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