डिप्टी कलेक्टर की अगुवाई में नर्सिंग होम टीम का अपोलो निरीक्षण..पायी गयी 6 खामियां..टीम का सख्त आदेश.. तीन दिनों के भीतर दूर करें खामियां

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—सीएचओ की अगुवाई में नर्सिंग होम की टीम औचक निरीक्षण करने अपोलो पहुंची। टीम में कुल 14 कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। गहन निरीक्षण के दौरान टीम ने अपोलो प्रबंधन के सामने कुल 6 बड़ी खामियों को पेश किया। साथ ही तीन दिन के अन्दर सभी खामियों को दूर करने का आदेश भी दिया।

             
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                   स्वास्थ्य विभाग नोडल अधिकारी अंशिका पाण्डेय की अगुवाई में सीएचएमओ समेत 14 सदस्यीय टीम औचक निरीक्षण करने अपोलो पहुंची। टीम ने इस दौरान अपोलों की एक गतिविधियों और सुविधाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। निरीक्षण कार्यक्रम में डॉ.प्रमोद महाजन समेत डॉ.प्रभाकर नायडू, डॉ.अनिल श्रीवास्तव, डॉ.मनीष श्रीवास्तव, डॉ.प्रदीप शुक्ला, निगम इंजीनियर गोपाल ठाकुर, डॉ.राजेश पटेल, डॉ.सौरभ शर्मा, डॉ.हार्दिक सेलारका, गिरीश दुबे, सीबी मिश्रा, प्रवीण शर्मा, शशांक वर्मा शामिल हुए।

                  डिप्टी कलेक्टर अंशिका पाण्डेय की अगुवाई में टीम ने अपोलो की गतिविधियों को नोट किया। इस दौरान टीम ने अपोलों प्रबंधन के सामने 6 महत्वपूर्ण कमियों को रखा। टीम प्रमुख ने बताया कि नर्सिंग होम एक्ट के तहत आनलाइन आवेदन में इंचार्ज चिकित्सक का नाम डॉ.सजल सेन दर्ज है। जबकि वर्तमान में इंचार्ज डॉ.दीपदास गुप्ता हैं। इस गलती को ठीक किया जाए। टीम ने प्रबंधन को बताया कि अपोलो 300 बिस्तरों का मल्टीस्पेशिलिटी अस्पताल है। नियमानुसार डायग्नोस्टिक और फिजियोथेरेपी इकाई के लिए अलग से नर्सिंग होम एक्ट में आवेदन किया जाए।

                   ओटी का स्वाब कल्चर रिपोर्ट नहीं है। सोनोग्राफी यूनिट इंचार्ज का नाम गलत दर्ज है। डॉ.सजल सेन की जगह डॉ.दीपज्योति दास दर्ज किया जाए। अपोलो में पदस्थ सभी चिकित्सकों के नाम और उनकी योग्यता की लिखित जानकारी दी जाए। साथ ही अपोलो में काम करने वाले सभी 13 00 कर्मचारियों की डाटा बेस तैयार किया जाए।

                  टीम ने अपोलो प्रबंधन को निर्देश दिया कि सारी कमियों को दूर करने के साथ बताए गए निर्देशों का पालन करते हुए तीन दिनों की भीतर जानकारी पेश किया जाए।

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