VIDEO_OPERATION LIVE.. अपोलो का कमाल..हार्ट का दुर्लभ सफल आपरेशन कर बनाया मध्यभारत का रिकार्ड.. कोविड संदिग्ध मरीज ने कहा-हार चुकी थी जंग..CEO ने दी बधाई

BHASKAR MISHRA
5 Min Read
बिलासपुर–कोविड की मार से जब देश दुनिया परेशान और हैरान है। जब लोग जीवन और मौत के बीच जंग करते नजर आ रहे हो। ठीक उसी दौर में अपोलों ने हृदय की जटिलतम सर्जरी कर चिकित्सा जगल में मील का पत्थर स्थापित किया है। हृदय की जटिल और कठिन सर्जरी कर अपोलो के डॉक्टरों ने एक साथ दो लोगों को नया जीवनदान दिया है।अपोलो अस्पताल ने एक बार फिर चिकित्सा जगत में माइल स्टोन स्थापित किया है। कोरोना से हैरान परेशान स्थितियों के बीच अपोलो के डाक्टरों ने हृदय का जटिल आपरेशन कर नन्ही बच्ची के साथ मां को नया जीवनदान दिया है। पत्रकार वार्ता में अपोलो प्रबंधन ने बताया कि अपोलो ने मार्फेन सिंड्रोम मरीज का सफल आपरेशन किया है। यह अपने आप में बहुत बडी सपलता तब हो जाती है जब मरीज कोविड संदिग्ध हो।
 
                 डाक्टरों ने बताया कि मार्फेन सिन्ड्रोम वाले मरीज की  उॅचाई के साथ हाथ पैर की लम्बाई सामान्य से अधिक हो जाती है। इस मर्ज में हृदय का वाल्व खराब हो जाता है। संभवतः इस प्रकार के मरीज का अपोलो प्रबंधन सफल इलाज कर मध्यभारत में रिकार्ड स्थापित किया है। यह एक दुर्लभ रोग है।
 
            अपोलो केकॉडियोथोरोसिक सर्जन डॉ अनुज कुमार ने बताया कि मार्फिन सिन्ड्रोम जैसी दोहरी जटिलता वाली महिला मरी जका बेंटाल सर्जरी किया गया। लगभग 13 घण्टों में सफल आपरेशन कर महिला महीज को बचाया गया। पत्रकार वार्ता के बीच महिला मरीज 26 साल की प्रियंका झा ने बताया कि डॉक्टरों की टीम ने नया जीवन दिया है। अन्यथा वह जीवन को हार चुकी थी। प्रियंका ने जानकारी दी कि अपोलो में सीटी स्केन के दौरान पता चला कि वह कोविड संदिग्ध है। दोहरी बीमारी की जानकारी के बाद वह घबरा गयी। उसकी  डेढ़ साल की बच्ची भी है। जाहिर सी बात है कि उसने जीवन की सारी उम्मीदे खो दी। लेकिन डॉक्टरों ने मुझे ठीक परिवार और बच्ची को नया जीवन दिया है। इस अहसान को कभी नहीं भूलूंगी। 
 
               डॉ अनुज ने बताया कि प्रियंका के सीटी स्केन से जानकारी मिली कि हृदय से निकलने वाली मुख्य नली की सामान्य से अधिक फैली है। इस महाधमनी से पूरे शरीर को रक्त का प्रवाह होता है। कभी भी फट सकता है। और प्रियंका के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। खतरों की स्थितियों की पूरी जानकारी के बाद हृदय की जटिलतम सर्जरी बैंटाल का निर्णय लिया गयां।  पत्रकारों को डॉ.अनुज ने बताया कि मेडिकल जगत में इस प्रकार की सर्जरी को काफी जटिल माना जाता है। भारतीय महानगरों और देशों में इस प्रकार की सर्जरी सामने आयी है। लेकिन बहुत जोखिम भरा होता है। इस आपरेशन में कॉर्डियक एनेथेसिस्ट डॉ रवि की भूमिका काफी सरहहनीय रही। संजय श्रीवास्तव और संपूर्ण कॉर्डियोथोरोसिक टीम के अलावा कॉर्डियोलॉजी डॉ आर. एल. भांजा, इंटरनल मेडिसिन डॉ विजय श्रीवास और  रेडियोलॉजिस्ट डॉ पवन गुप्ता का सर्जरी के दौरान अहम योगदान रहा।
 
               मामले अपोलो युनिट हेड डॉ दीपज्योति दास ने बताया की जोखिम भरा सर्जरी का निर्णय निश्चित रूप से  कोविड महामारी के दौरान बहुत बड़ी चुनौती थी। लेकिन डॉक्टरों ने चुनौती को ना केवल स्वीकार किया। बल्कि सौ प्रतिशत सफलता भी हासिल की है। यूनिट हेड ने बताया कि इस प्रकार की जटिलतम सर्जरियों का सफलतापुर्वक होना अंचल के लिये वरदान से कम नही है। राज्य के निवासी इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। डॉ दास ने कहा इस सर्जरी को सफलतापूर्वक करने के बाद अपोलो की कॉर्डियक टीम ने साबित कर दिया है कि अब राज्य के लोगो को हॉर्ट की किसी भी परेशानी को लेकर महानगरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। आर्थिक परेशानियों का भी उन्हें सामना नहीं करना पड़ेगा।
close