भू-माफियों की मनमानी..गलत जानकारी पेश कर हड़प लिया कोटवारी जमीन..और निकाल दिया रास्ता..शिकायत पर अब तक नहीं हुई कार्रवाई

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—कुछ पुराने स्वनाम धन्य राजस्व अधिकारियों से मिली भगत कर भू-माफिया ने निजी कालोनी की सड़क के लिए कोटवारी जमीन को बेईमानी कर हड़प लिया है। यह जानते हुए कि कोटवारी जमीन पर किसी भी सूरत ना तो बेजाकब्जा किया जा सकता है। और ना ही खरीद बिक्री ही हो सकती है। बावजूद इसके कोनी पटवारी हल्का में ऐसा किया गया। मामले में तात्कालीन पटवारी और तहसील के अधिकारियों की मिली भगत सामने आ रही है।

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                    प्राप्त दस्तावेज के अनुसार कोनी स्थित पटवारी हल्का में कोटवारी जमीन हड़पने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार भू-माफिया को फायदा पहुंचने के लिए कोटवारी जमीन हड़पने में तात्कालीन पटवारी और तहसील के अधिकारी जिम्मेदार हैं।

         बताते चलें कि कोटवारी जमीन से लगकर कुछ सौ मीटर के फासले में निजी जमीन है। भू-माफिया ने निजी जमीन पर कालोनी डेवलप किया। इसके बाद रास्ते के लिए राजस्व अधिकारियों से मिली भगत कर कोटवारी जमीन को गलत सीमांकन कर हड़प लिया। भू-माफिया ने कोटवारी जमीन को या तो कही गायब कर दिया..या फिर उ़ड़ाकर कही दूसरी जगह बैठा दिया।

                      सूत्र ने बताया कि जमीन माफिया का तहसील के पुराने अधिकारी से अच्छा खासा सम्बन्ध है। जानकारी तो यह भी है कि कालोनी निर्माण में उनका भी योगदान है। बहरहाल कोनी स्थित गायब कोटवारी जमीन को लेकर एक शिकायत तहसील कार्यालय में लंबित है। लेकिन जानबूझकर शिकायत को नजरअंदाज किया जा रहा है। 

सरकारी जमीन और कोर्ट का फैसला      

              बताते चलें कि कोटवारी जमीन को लेकर एक याचिका हाईकोर्ट में दायर किया गया था। दिसम्बर 2018 में कोर्ट ने फैसला दिया कि किसी भी सूरत में कोटवारी जमीन को बेचा या खरीदा नहीं जा सकता है। चाहे जमीन कोटवारी जमीन जमीदारी की हो या फिर सरकारी। बावजूद इसके कोनी में भू-माफिया ने कोटवारी जमीन पर ना केवल कब्जा किया। बल्कि निर्माण भी कराया। इतना ही नहीं कालोनी में रोड की जमीन को भी बेच खाया। 

                               

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