रायपुर।बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने खनन माफ़ियाओं की मनमानी से प्रदेश की जनोपयोगी शासकीय सम्पत्तियों पर मंडराते ख़तरे के प्रति ध्यानाकर्षण व समुचित कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है।पत्र में श्री साय ने उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ में इन दिनों रेत खनन कर रहे लोगों द्वारा मनमानी की सारी हदें पार की जा रही हैं। विभिन्न समाचार पत्रों में इस आशय ख़बरें प्रदेश की चिंता बढ़ा रही हैं, लेकिन इन खननकर्ताओं पर क़ारग़र कार्रवाई कर उन पर लगाम लगाने की दिशा में शासन-प्रशासन की उदासीनता समझ से परे है। इसी विषय पर आपका ध्यान आकृष्ट कराना इस पत्र का हेतु है। आशा है, आप इस दिशा में कड़ फैसले लेकर इन रेत खननकर्ताओं पर नकेल कसने और प्रदेश की जनोपयोगी शासकीय सम्पत्तियों पर मंडराते ख़तरों से उत्पन्न चिंता दूर करने की संज़ीदा पहल करेंगे।
प्रदेशभर में रेत माफ़िया पहले आतंक फैलाकर अपने आपराधिक चरित्र का प्रदर्शन करते रहे, परंतु अब तो वे प्रदेश और सरकार की सम्पत्तियों को भी नष्ट कर प्रदेश को संकट में डालने का आपराधिक कृत्य करते ज़रा भी ख़ौफ़ नहीं खा रहे हैं। रेत माफ़िया प्रदेश की हर छोटी-बड़ी नदी के सारे घाटों से रेत खनन कर रहे हैं और हद तो यह है कि रेत घाट स्वीकृत ही नहीं हैं, वहाँ भी रेत माफ़िया अपने पोकलेन उतारकर बेखटके रेत खनन कर रहे हैं।
बिलासपुर की अरपा नदी पर बेज़ा रेत खनन के चलते मंडरा रहे संकट के बादलों के मद्देनज़र कहा कि रेत माफ़ियाओं ने पहले तुर्काडीह पुल को गिराने की तैयारी की और उसके बाद इंदिरा सेतु इन रेत माफ़ियाओं की नज़र में खटकने लगा। और अब, इन रेत माफ़ियाओं की दबंगई के चलते प्रदेश को 1000 मेगावाट बिजली आपूर्ति करने वाले वे बिजली टॉवर टारगेट में हैं, जिनके क्षतिग्रस्त होने और गिरने पर प्रदेश में चहुँओर अंधेरा छा जाएगा। इसी प्रकार पेण्ड्रीडीह-पथरापाली मार्ग को जोड़ने के लिए एनएचएआई का पुल ग्रााम सेंदरी में बन रहा है। अभी पुल पूरा बना भी नहीं है कि रेत माफ़िया इसकी बुनियाद को भी क्षति पहुँचाने में लग गए हैं। तुर्काडीह में पुल के पाये का सरिया झाँकने लगा है और वहाँ बिजली के टॉवर रेत की बोरियों के सहारे टिके हुए हैं और अब सेंदरी के इस पुल को बनने से पहले ही गिराने पर रेत माफ़िया आमाादा हो चले हैं।
प्रदेश की सार्वजनिक व जनोपयोगी सम्पत्ति को बर्बाद करने पर रेत माफ़िया उतारू हैं और प्रदेश सरकार चुप्पी साधे बैठी है! क्या इसका यह साफ़ संकेत नहीं है कि रेत माफ़ियाओं को सत्तावादी संरक्षण में मनमानी करने की छूट मिली हुई है और प्रशासनिक अधिकारी या तो ख़ुद इस मिलीभगत में शरीक़ हैं या फिर राजनीतिक दबाव में हाथ-पर-हाथ धरे बैठे रहने के लिए विवश कर दिए गए हैं। यदि ऐसाा नहीं है तो रेत माफ़ियाओं द्वारा एक तो नदी के बीचो-बीच गहरे गड्ढे कर इस तरह खुदाई किसकी शह पर की जा रही है कि बिजली के टॉवर अब-तब गिरने की स्थिति में आ गए हैं, दूसरे नदी के पानी की दिशा मनमाफ़िक़ मोड़ने के लिए नदी में रेत के टीले तक खड़े कर दिए हैं!
यह स्थिति कमोबेश पूरे प्रदेश में देखी जा रही है। रायपुर ज़िले के आरंग में भी क़ायदों को ताक पर रखकर अवैध उत्खनन और परिवहन जोरों से चल रहा है। रात में रेत भराव और परिवहन पर रोक के बावज़ूद इस काम में मशीनों का भी खुलकर प्रयोग हो रहा है। यहाँ पंचाायत प्रतिनिधियों के विरोध के बावज़ूद रेत माफ़ियाओं की दबंगई प्रदेश सरकार और उसकी प्रशासनिक मशीनरी के लिए शर्मनाक स्थिति निर्मित करने वाली है। सत्ता-संरक्षण में रेत माफ़ियाओं की मनमानी के कारण एक तो लोगों को बिलावज़ह परेशानियाँ उठानी पड़ रही हैं; दूसरे, प्रदेश सरकार को मिलने वाली राशि कमीशनखोरी में बँट रही है; सार्वजनिक हित की सरकारी सम्पत्तियाँ क्षतिग्रस्त हो रही हैं सो अलग। भारतीय जनता पार्टी आप और आपकी सरकार से जानना चाहती है कि इन रेत माफ़ियाओं पर कार्रवाई की जाएगी या नहीं? क्या रेत माफ़ियाओं द्वारा प्रदेश को किसी गंभीर संकट में डालने देने की छूट आपकी सरकार ने दे रखी है? प्रदेश सरकार को रेत माफ़ियाओं पर तत्काल अंकुश साधना चाहिए।
महोदय, मैं विश्वास करता हूँ कि प्रदेश के हितों और जनोपयोगी सरकारी सम्पत्ति की रक्षा करते हुए आपके नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार रेत माफ़ियाओं पर कड़ी कार्रवाई का साहस दिखाएगी।