जब तक मानव जाति रहेगी..बाबा का संदेश अमर रहेगा..अंकित ने कहा..भगवान से कराते हैं जनता को साक्षात्कार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—भारत संत परम्परा वाला देश है। संतोें ने ही भारत की दिशा और दशा निर्धारित किया है। परहित ही संतों की उद्देश्य रहा है। आज भी कमोबेश वही है। सच तो यह है कि संतों ने आम लोगों को ईश्वर से साक्षात्कार कराया है। आज हम में जो कुछ भी अच्छे संस्कार बने हुए हैं..उनमेंं संतों की वाणी और उपदेश की अहम् भूमिका है। यह बातें जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने पूज्य बाबा गुरूघासी दास की जयंति पर आयोजित हरदीकला में कार्यक्रम के दौरान कही। अंकित ने बताया कि देश में जो स्थान बाबा रैदास का है वही स्थान महान् संत बाबा गुरूघासीदास का छत्तीसगढ़ और भारत में है। 

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             जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने हरदीकला में आयोजित बाबा गुरूघासीदास की जयंति कार्यक्रम में शिरकत किया। इस दौरान समाज के लोगों ने जिला पंचायत सभापति का स्वागत भी किया। अपने संबोधन में अंकित ने कहा कि हमारे सर्वसमाज में संतों को बाबा भी कहते हैं। बाबा का अर्थ भोला भाला..और समर्पण से है। ऐसे ही हमारे बाबा गुरू घासीदास भी थे। उन्होंने अपना सर्वस्व जीवन सर्व समाज को अर्पित कर दिया। समाज के उत्थान के लिए उन्होने क्या नहीं किया। इस गिनाना फिलहाल नामुमकिन है। उन्होने अपने जीवन में वह सब कुछ किया जिससे सर्व समाज का हित छुपा हुआ था। 

 अंकित ने कार्यक्रम के दौरान कहा बाबा ने सर्व समाज में शांति हो..प्रतीक के रूप में उन्होने सफेद वस्त्र को चुना। महिलाओं के अधिकारों के लिए बाबा ने जो काम किया आज उसी काम को देश और प्रदेश की सरकार दुहरा रही है। महिलाओं पर अत्याचार का बाबा ने ना केवल पुरजोर विरोध किया। बल्कि सिद्धान्त भी स्थापित किया है। उन्होने हमें सात्विक खान और विचारधारा पर जोर दिया। कांग्रेस नेता ने इस दौरान जैतखंभ पर नया ध्वज भी चढ़ाया और बाबा को नमन् भी किया। 

  गौरहा ने बाताया ऐसा सिर्फ हमारे देश में ही संभव है..जब ज्ञान की विचारधारा पराकाष्ठा पर पहुंच जाति है। उस समय व्यक्ति जांति पांति से बहुत ऊपर हो जाता है। हमारी संत परम्परा में बाबा घासीदास का स्थान बहुत ही ऊपर है। जो स्थान चैतन्य महाप्रभु,बाबा रैदास, सदन और नरसी मेहता का है वही स्थान बाबा गुरूघासी दास का है।

  अंकित ने बताया कि संतो को गुरूदेव भी कहा जाता है। वह आम जनता के बीच ईश्वर का संदेश बांटते हैं। बाबा घासीदास ने सत्य को परखा और जीवन में उतारा..इसके बाद सतनाम का संदेश दिया। ऐसे संत शिरोमणी बाबा घासीदास के चरणों में मेरा नमन् है।मैं बाबा से प्रदेश की उन्नति और भाईचारा के साथ प्रगति का आशीर्वाद मांगता हूं। कांग्रेस नेता ने दुहराया कि बाबा का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है। जितना कभी हुआ करता था। और यह संदेश अनंतकाल तक प्रासंगिक रहेगा। क्योंकि इसमें ना केव ल मानव जाति बल्कि सर्व जन्तुओं का कल्याण छिपा है। 

         इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से हरदीकला सरपंच शैल बाई ध्रुव,श्रवण ध्रुव,श्याम बर्मन, राजा यादव,महेंद्र साहू,रविकांत बर्मन, क्रांति बर्मन,अल्का बर्मन,दिलीप बर्मन,आस्कर बर्मन,जय सतनाम समिति के सदस्यगण और पंथी नृत्य के कलाकार उपास्थित रहें।

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