बिलासपुर । आधारशिला विद्या मंदिर में गणित को अधिक रुचिकर एवं प्रासंगिक बनाने के लिए ‘मैथ्स लैब’ की स्थापना के गयी है | इसमें विभिन्न कक्षाओं को उनके सीखने के स्तर के अनुरूप गतिविधियां एवं प्रोजेक्ट करवाए जा रहे हैं | मसलन – परिधि या क्षेत्रफल सीखने के लिए रस्सी, ग्राफ पेपर का इस्तेमाल, गुणनफल के लिए स्टिक, महत्तम के लिए पेपर स्ट्रिप्स, आदि | अनुभवी शिक्षकों को यह पता है कि किस तरह की गतिविधि करने से कौन सा कांसेप्ट सरल एवं व्यावहारिक तरीके से समझा सकते हैं |
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गणित की शिक्षिका खुशबू तिवारी ने बताया कि इस तरह के प्रोजेक्ट से दसवीं के बच्चों को ‘यूक्लिड डिवीज़न लेम्मा’ की अवधारणा काफी व्यवहारिक तरीके से समझ में आ गयी | रियल नंबर्स और इन्टिजर सुनकर कुछ बच्चे बहुत दुविधा में थे पर जब व्यावहारिक रूप से इनके सूत्रों को जांचा तो उन्हें काफी मज़ा आया |
आधारशिला के चेयरमैन डा अजय श्रीवास्तव ने कहा कि विद्यालय में हमारा प्रयास रहता है कि गणित जैसा अमूर्त विषय भी दैनिक जीवन के उदाहरणों से जुड़ा रहे | हम यह चाहते हैं कि बच्चा जब गणित के बारे में सोचे तो उसके पास मुस्कुराने और मौलिक चिंतन करने के कुछ कारण हो |
अकादमिक निदेशक श्री एस. के जनास्वामी ने कहा कि सीखने के लिए पुस्तक और सिद्धांतों पर अत्यधिक निर्भर रहना आवश्यक नहीं है | कभी-कभी उचित प्रश्न, उदहारण, प्रोजेक्ट या कोई संवाद किसी जटिल कांसेप्ट को समझाने के लिए पर्याप्त होता है |
प्रिंसिपल श्रीमती जी. आर मधुलिका ने कहा कि हम अकादमिक तौर पर अपना रिजल्ट नियमित तौर पर बेहतर कर रहें हैं | हमें पूरी उम्मीद है कि इस तरह के प्रोजेक्ट से और भी बच्चे गणित विषय से जुड़ेंगे और बेहतर करेंगे |