शिक्षकों पर अभद्र टिप्पणी कर फंस गए बलोद DEO..मास्टरों में गुस्सा..माफी मांगने का बनाया दबाव

BHASKAR MISHRA
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बालोद…बालोद जिला शिक्षा अधिकारी के बेतुका बोल से शिक्षकों में भारी नाराजगी सामने आ रही है। जानकारी देते चलें कि जिला शिक्षाअधिकारी ने वाट्सअप मे  शिक्षकों के लिए हराम का वेतन लेने वाला लिखा है। नाराज नवीन शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने की जिला शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है। 
 
           बालोद जिले के जिला शिक्षा अधिकारी आर.एल.ठाकुर के विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप मे लिखे गए पोस्ट को लेकर शिक्षकों ने नाराजगी जाहिर की है। वाट्सअप पर डीईओ ने शिक्षकों के लिए  हराम शब्द का प्रयोग किया है। डीईओ के बयान पर शिक्षको में चौतरफा  हमला किया है। वही अब डीईओ ने शिक्षा समुदाय से माफी की गुहार लगाई है। 
 
                    मामले को लेकर नवीन शिक्षक संघ प्रदेशाध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने जिला शिक्षा अधिकारी के बयान की कड़ी निंदा की है। विकास सिंह राजपूत ने संघ की तरफ संयुक्त बयान जारी कर जिला शिक्षा अधिकारी के अशोभनीय टीप और शब्द की निंदा की है। राजपूत ने कहा कि अधिकारी अपने कृत्य के लिए शिक्षकों से माफी मांगे। वरना संघ पदाधिकरियों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी के अविवेकपूर्ण बयान की शिकायत रायपुर में तमाम उच्यधिकारियो समेत मुख्यमंत्री से करेेगा। 
 
              नवीन शिक्षक संघ प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार नामदेव ने शिक्षको के लिए अपमानजनक शब्द के प्रयोग को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की है। नामदेव ने बालोद जिलाशिक्षाधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। अमित नामदेव ने कहा कि कोरोना संक्रमण जैसे विकट हालात में काम करने वाले कर्मवीर शिक्षको को हराम का वेतन प्राप्त करने वाला कहना बालोद डीईओ को शोभा नहीं देता है। 
 
            कोरोना संक्रमण काल मे   शिक्षको ने ना केवल शालेय कार्य पूरी लगन से किया है। बल्कि कोरोना संक्रमण के भयावह स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग के दिये कार्यो का निर्वहन भी कुशलता से किया है। इस दौरान  बहुत से शिक्षक कोरोना संक्रमित भी हुए। लेकिन उन्होंने इसके बाद भी प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार रोकने में अपनी महती भूमिका निभाई है।
 
                  अमित  मदेव ने बताया कि कोरोना संक्रमण के विपरीत परिस्थितियों में भी प्रदेश में शिक्षा की रफ्तार में कोई कमी नही आई है।  विद्यालय बंद होने के बाद भी शिक्षक सम्पूर्ण विभागीय कार्य प्रवेश, गणवेश वितरण, पाठ्यपुस्तको का वितरण, सुखा राशन वितरण आदि कार्यो के साथ साथ ऑनलाइन पढ़ाई भी करवा रहे है। नेटवर्क अनुपलब्धता वाले स्थानों में मजरों टोलों तक पहुंचकर बच्चो को मोहल्लो तक पहुंचकर पढ़ाई करवा रहे हैं। 
 
           अमित नामदेव ने कहा कि शायद बालोद जिला शिक्षा अधिकारी भूल गए है कि कोरोना संक्रमण काल मे ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम “पढ़ाई तुहार द्वार” को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।
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