रायपुर।सोमवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महत्वपूर्ण निर्देश दिए है।बता दे कि दीपावली के अवसर पर कुम्हारों, स्व-सहायता समूहों, छोटे कारीगरों से कोई कर या शुल्क नहीं लिया जाएगा।श्री बघेल ने जनता से अपील की है कि स्थानीय कारीगरों से ही सामग्री ख़रीदें।उक्त मुख्यमंत्री ने लखनऊ रवाना होते समय दिए हैं।साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ज़िला प्रशासन पूर्ण सहयोग करे व उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया कराएँ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इतवार शाम 24 अक्टूबर से 2 नवंबर तक आयोजित 10 दिवसीय छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला का शुभारंभ किया था।राजधानी के पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट परिसर में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के 130 से अधिक उत्पाद 15 प्रतिशत की छूट पर उपलब्ध है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इसका शुभारंभ करते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी-वनवासी परिवारों के जीवन को बेहतर बनाने में लघु वनोपजों के उत्पाद का महत्वपूर्ण स्थान है।
इस पर हमें गर्व है कि लघु वनोपज संघ वन विभाग के सतत् प्रयत्नों से राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र तथा वनांचल के निवासियों का सतत् उत्थान हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला में लगाए गए आयुष स्टॉल और घरेलू उत्पाद स्टॉल, कोदो-कुटकी उत्पाद स्टॉल, आयुर्वेदिक चिकित्सालय, गढ़कलेवा खाद्य उत्पाद स्टॉल और हथकरघा एवं माटी कला बोर्ड तथा शबरी एम्पोरियम आदि हर एक स्टॉल का अवलोकन कर उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस दौरान जिला यूनियन धमतरी द्वारा वनोपज ‘तिखुर’ से बने उत्पाद जलेबी, बर्फी तथा हलवा का भी स्वाद लिया और इसे छत्तीसगढ़ के स्वादिष्ट पकवान बताते हुए सराहना की।
उन्होंने छत्तीसगढ़ के तिखुर से बने पकवान का प्रचार-प्रसार के लिए नगर निगम से भी दुकान आवंटन हेतु आवश्यक पहल करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने इस दौरान माटी कला बोर्ड के स्टॉल में इलेक्ट्रिक चाक से मिट्टी का दीया बनाकर परम्परागत व्यावसायियों को प्रोत्साहित भी किया।