️बिलासपुर–-छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी नें सरकार पर लिपिकों की मांग को अनदेखी करने का आरोप लगाया है। प्रेस नोट जारी कर रोहित तिवारी ने पिगुवा कमेटी और उसकी कार्य शैली पर सवाल उठाया है। तिवारी ने कहा कि पिगुवा कमेटी को तीन महीने में रिपोर्ट पेश करना था। कमेटी को बने धीरे धीरे पांच महीने हो गए है। आज तक रिपोर्ट पेश नहीं किया गया। बैठक के नाम पर रस्म अदायगी का खेल चल रहा है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय वर्गीय शासकीय कर्मचारी प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने सरकार पर लिपिकों के साथ छल करने का आरोप लगाया है। तिवारी ने कहा कि पिंगुआ कमेटी को तीन महीने में रिपोर्ट पेश करना था। पांच महीने बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं किया गया ।
रोहित ने कहा कि पिंगुआ कमेटी बैठक के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। आंशिक डीए के संकेत इस बात का प्रमाण हैँ। कर्मचारी नेता ने बताया कि पिगुवा कमेटी को निर्णय लेने का अधिकार ही नहीं है। दरअसल कमेटी का गठन सिर्फ पोस्ट ऑफिस की तर्ज पर काम के लिए किया गया है।कमेटी का काम केवल ज्ञापन को बढाने से ज्यादा कुछ नहीं है।
ज़ब सरकार को कोई भी काम लटकाना होता हैँ कमेटी का गठन कर दिया जाता है। लिपिक वर्ग नें अब तक इस प्रकार की कई कमेटियो की छल प्रपंच को देखा है। मुख्य मंत्री की घोषणा पर आदेश जारी करने के लिए संघ ने अब व्यापक आंदोलन का फैसला किया है। महगाई भत्ता और पुरानी पेंशन के मुद्दे के अलावा प्रदेश भर के सभी लिपिक महगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा और राष्ट्रीय पुरानी पेंशन सयुंक्त मोर्चा के साथ संघर्ष करेंगे।
रोहित ने बताया कि 7मार्च को महगाई भत्ता के लिए जिला और तहसील स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। पुरानी पेंशन के लिए 13मार्च को राजधानी रायपुर मे प्रदेशव्यापी प्रदर्शन होगा। हमने संगठन के सभी लिपिकों को कमेटी के मकड़जाल को समझते हुए सड़क पर उतर कर संघर्ष करने का आह्वान किया है।