नाईटकर्फ्यू-कोरोना का कहर,इन 8 शहरों में लगा नाइट कर्फ्यू

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जयपुर।देश में कोरोना वायरस ने एक बार फिर से कहर मचा दिया है. देश में एक दिन में ही कोरोना वायरस संक्रमण के 44 हजार नए मामले सामने आए हैं. वहीं राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सख्ती बरतते हुए राज्य के 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. इस दौरान सिर्फ बहुत जरूरी काम से हो लोग घरों से बाहर निकलेंगे. सीएम अशोक गहलोत ने राज्य के 8 शहरों में रात 10 बजे के बाद से रात्रि कर्फ्यू लगाने का आदेश दे दिया है.  प्रदेश के  जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सागवाड़ा और कुशलगढ़ शहरों में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा रहेगा.

             
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आगामी 25 मार्च से राजस्थान से बाहर से आने वाले सभी राज्यों के यात्रियों को 72 घंटे के दौरान कोरोना नेगेटिव सर्टिफिकेट साथ लाना होगा. रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट बस स्टैंड पर जांच होगी अगर किसी यात्री के पास कोरोना नेगेटिव सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा तो उन्हें 15 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा. प्राथमिक स्कूल आगामी आदेश तक बंद रहेंगे शादी समारोह में 200 और अंतिम संस्कार में 20 लोगों को ही भाग लेने की अनुमति होगी.  मिनी कंटेनमेंट जोन की व्यवस्था उन्हें लागू होगी जहां 5 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जाएंगे उस बिल्डिंग स्थान को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा.

हालांकि, राजस्थान में लगे नाइट कर्फ्यू की बाध्यता लगातार उत्पादन करने वाली फैक्ट्रियों पर नहीं लागू की जाएगी वहां नाइट शिफ्ट की व्यवस्था है. साथ ही आईटी कंपनियां, रेस्टोरेंट, केमिस्ट शॉप, आपातकालीन सेवाओं से संबंधित कार्यालय, विवाह संबंधी समारोह, चिकित्सा संस्थान, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट से आने-जाने वाले यात्री, मॉल, परिवहन करने वाले वाहन और लोडिंग-अनलोडिंग वाले लोगों पर नाइट कर्फ्यू की व्यवस्था नहीं लागू होगी.

राज्य के सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में कर्मचारियों को काम के मुताबिह ही दफ्तर बुलाए जाने का निर्देश भी राज्य सरकार ने जारी किया है. कार्यालय के अध्यक्ष इस संबंध में निर्णय जारी करेंगे कि किस काम के लिए किसे बुलाया जाना जरूरी है. सभी संस्थानों और कार्यालयो में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजिंग को अनिवार्य किया गया. राज्य सरकार ने नियमों को नहीं मानने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है. ऐसे संस्थानों को राज्य सरकार सीज भी कर सकती है.  

वहीं प्राथमिक स्कूल आगामी आदेश तक बंद रहेंगे जबकी इससे ऊपर की कक्षाओं एवं कॉलेजों में कोविड प्रोटोकॉल के साथ शैक्षणिक गतिविधियां चालू संचालित होंगी. इस दौरान इनमें भी कोरोना संक्रमण को लेकर स्क्रीनिंग एवं रेंडम टेस्टिंग अनिवार्य होगी. अभिभावकों की लिखित सहमति से ही बच्चे शिक्षण संस्थानों में आ सकेंगे. कक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी मौजूद नहीं हो सकेंगे.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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