चिट फंड मामले में बड़ी कामयाबी,बिलासपुर पुलिस ने सात लोगों को प.बंगाल से किया गिरफ़्तार

Chief Editor
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बिलासपुर । बिलासपुर पुलिस ने चिटफण्ड कंपनी के दो मामलों में पश्चिम बंगाल के विभिन्न शहरों से सात आरोपियों को गिरफ़़्तार करने में कामयाब़ी हासिल की है। ज़िनमें 6 आरोपी डायरेक्टरों को गिरफ्तार किय गया है और 1 आरोपी को प्रोडक्शन वारण्ट में लिया गया है। प्रदेश में बिलासपुर पुलिस द्वारा चिटफण्ड के फरार आरोपियों की सर्वाधिक गिरफ्तारी हुई है। बिलासपुर पुलिस द्वारा आरोपी गिरफ्तारी ऑपरेशन राहत के तहत् कई दिनों तक कैम्प लगाकर पश्चिम बंगाल के मिदनापुर, बारासात, दमदम, 24 परगना से आरोपीयो को गिरफ्तार किया गया है।माई क्लीक डील डाॅटकाम कंपनी व आरोपी के विरूद्ध जिले में एक़ अपराध दर्ज है ।जिसमे कंपनी द्वारा 15,80,250 रुपये की धोखाधड़ी की गई है।रोजवेली होटल एण्ड इंटरटेनमेंट कंपनी व आरोपी के विरूद्ध जिले में एक़ अपराध दर्ज है।साथ ही छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में लगभग 10 अपराध दर्ज है । जिसमे कई करोड़ की ठगी की गई है ।

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आज पत्रकारों के समक्ष बिलासागुड़ी में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने पत्रकार वार्ता में बताया क़ि फर्जी चिटफंड कंपनियों के चंगुल में फंसकर नगर के नागरिकों से धोखाधड़ी कर फरार हो चुके चिटफंड कंपनियों के सरपरस्तों को पकड़ने में लगातार सफलता प्राप्त करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है। उन्होंने बताया तीन फर्जी कंपनियों माईक्लिक डील डॉट कॉम रोज वैली होटल एंड एंटरटेनमेंट कंपनी एवं जीएन गोल्ड कंपनी के 6 प्रमुख निर्देशकों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। इन तीनों कंपनियों के खिलाफ जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों जिसमें क्रमश: थाना तोरवा, थाना मस्तूरी, आदि क्षेत्रों में पूर्व से अपराध दर्ज हैं। इनमें से रोज वैली होटल एंड एंटरटेनमेंट कंपनी आरोपी के विरुद्ध एक अपराध दर्ज है तथा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में ठगी के करीब 10 अपराध दर्ज हैं। जिसमें करोड़ों रुपए की ठगी की गई है। इसके अतिरिक्त माय क्लिक डील डाट काम कंपनी के विरुद्ध एक अपराध दर्ज है जिसमें 15 लाख से अधिक की ठगी एवं धोखाधड़ी का अपराध दर्ज है। जी एन गोल्ड कंपनी के खिलाफ थाना मस्तूरी में दर्ज अपराधों के अंतर्गत करोड़ों रुपए की ठगी रकम दुगनी करके देने का लालच देते हुए पूर्व में ठगी की गई थी।
आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए बिलासपुर पुलिस पारा पश्चिम बंगाल के मिदनापुर,बारासात, दमदम, 24 परगना, आदि क्षेत्रों में कई दिनों तक कैंप लगाकर पतासाजी करते हुए गिरफ्तारी करने में सफलता प्राप्त की। वर्तमान में चिटफंड कंपनियों के फरार आरोपियों की गिरफ्तारी करने में प्रदेश में सर्वाधिक संख्या बिलासपुर पुलिस के द्वारा दर्ज की गई है। उन्होंने बताया बिलासपुर पुलिस की ओर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण रोहित झा के निर्देशन में एक संयुक्त टीम गठित की गई थी जिसमें मस्तूरी, तोरवा, सिरगिट्टी एवं साइबर क्राइम के अधिकारी प्रमुख रूप से शामिल थे। उन्होंने बताया आरोपियों की पता साजी के दौरान उनके बैंक डिटेल एवं दस्तावेज की जानकारी प्राप्त होते ही इस दिशा में यह सार्थक कदम उठाया गया, जिससे आरोपियों की गिरफ्तारी में सफलता प्राप्त हुई। इस तरह इन तीन कंपनियों के फरार प्रमुख 6 निर्देशकों को संयुक्त टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया, तथा एक आरोपी को प्रोटक्शन वारंट के तहत विधिवत गिरफ्तार किया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया धनवापसी हेतू प्रमुख रूप से रोज वैली होटल एंड एंटरटेनमेंट कंपनी की चिन्हित संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई हेतु जिलाधीश से किया गया पत्राचार लंबित है। गिरफ्तार आरोपियोंं में सुमन बनर्जी, पिता आशीष बनर्जी ,उम्र 51 वर्ष निवासी न्यू बैरकपुर, थाना न्यू बैरकपुर, जिला नॉर्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल,नवीन साव पिता श्री रमेश साव, उम्र 36 वर्ष निवासी चिंगोल, थाना उल्बेरिया हावड़ा, पश्चिम बंगाल,ज्योतिर्मय प्रधान, पिता तपन प्रधान उम्र 30 वर्ष निवासी एटासाल, थाना चंडी पुर, जिला मेदनापुर ,पश्चिम बंगाल,पल्लव चक्रवर्ती, पिता श्यामा प्रसाद चक्रवर्ती, उम्र 54 वर्ष, निवासी कालिकापुर, पोस्ट बारासात, थाना एवं जिला बारासात, नॉर्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल,संदीप धुलाई पिता स्वर्गीय निरंजन दुलाई ,उम्र 40 वर्ष निवासी काशीपुर, थाना धात नगर, जिला हावड़ा पश्चिम बंगाल,अबीर कुंडू उर्फ अभी, पिता गणपति कुंडू, निवासी एसके देव रोड, बीएलएन पाटीपुकुर, कोलकाता पश्चिम बंगाल, जीएन गोल्ड कंपनी का डायरेक्टर शैलेंद्रबन गोस्वामी, पिता केदारवन गोस्वामी निवासी मारो, थाना कुरूद जिला धमतरी, छत्तीसगढ़ शामिल हैें।इस तरह कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

फरार आरोपियों की गिरफ्तारी में गठित की गई टीम में चिटफंड अपराध शाखा प्रमुख प्रभारी निरीक्षक कलीम खान, निरीक्षक प्रकाश कांत, निरीक्षक सुरेंद्र स्वर्णकार, उपनिरीक्षक श्री ह्रदय शंकर पटेल, प्रसाद सिन्हा, सहायक उपनिरीक्षक हेमंत पाटले, बेहरा, आरक्षक अतुल सिंह, मुकेश वर्मा, दीपक उपाध्याय, दिवाकर वर्मा, सुखदेव मंडल, सुनील सिंह आदि की भूमिका प्रमुख रही।

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