दिल्ली।चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) एक बार फिर बिहार से अपनी सियासी यात्रा की शुरुआत करने वाले हैं. उन्होंने इशारा किया है कि वह बिहार से अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करेंगे. वह सियासी पार्टी लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं. दूसरों के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने वाले प्रशांत किशोर अब खुद के लिए रणनीति तैयार करेंगे.
प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया है कि लोकतंत्र (Democracy) में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति को आकार देने के लिए मैंने 10 साल तक काम किया है. इस दौरान मेरी यात्रा अलग-अलग पड़ाव से गुजरी. मैंने पन्ने उलट दिए हैं. यह सही वक्त है असली मुद्दों पर राजनीतिक की जाए. जनता के मुद्दों को समझने के लिए जन स्वराज पर आगे बढ़ना चाहिए. इसकी शुरुआत बिहार से होगी.
क्या होगा पार्टी का नाम?
प्रशांत किशोर के ट्वीट के मुताबिक उनकी पार्टी का नाम जन स्वराज होगा. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं. आधिकारिक तौर पर प्रशांत किशोर ने अभी तक यह नहीं कहा है कि उनकी पार्टी का नाम क्या होगा. बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. प्रशांत किशोर 3 साल पहले ही राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी कर रहे हैं.
क्या होगी प्रशांत किशोर की चुनौती?
प्रशांत किशोर के सामने बिहार में कई चुनौतियां हैं. बिना गठबंधन के उनका बिहार में पांव जमाना भी मुश्किल है. बिहार में भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल (यूनाइटेड) जैसी दिग्गज पार्टियां पहले से ही हैं. लोक जनशक्ति पार्टी और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा जैसी पार्टियां भी मजबूत पकड़ रखती हैं. ऐसे में प्रशांत किशोर को इन दिग्गजों के सामने जड़ें जमाने के लिए दोगुनी मेहनत करनी होगी.
प्रशांत किशोर ने यह फैसला तब किया है जब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की उनसे बात नहीं बनी. वह कांग्रेस में जाने के लिए बेताब थे लेकिन कुछ मुद्दों को लेकर असहमतियों ने काम बिगाड़ दिया. अभ प्रशांत किशोर खुद अपनी राह तय करने वाले हैं. अब तक प्रशांत किशोर जमीनी राजनीति से बहुत दूर रहे हैं, 10 सालों में यह पहली बार होगा जब प्रशांत किशोर खुद के लिए रणनीति तैयार करेंगे.
कांग्रेस को इनकार कर बना रहे अपनी पार्टी!
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस ज्वॉइन करने की अटकलों को नकारते हुए कांग्रेस पार्टी पर तंज कसा था. उन्होंने कहा था, ‘मैंने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने के कांग्रेस के उदार प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है.’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘मेरी विनम्र राय है कि परिवर्तनकारी सुधारों के माध्यम से गहरी जड़ें जमाने वाली समस्याओं को ठीक करने के लिए पार्टी को मुझसे ज्यादा नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की जरूरत है.’
My quest to be a meaningful participant in democracy & help shape pro-people policy led to a 10yr rollercoaster ride!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) May 2, 2022
As I turn the page, time to go to the Real Masters, THE PEOPLE,to better understand the issues & the path to “जन सुराज”-Peoples Good Governance
शुरुआत #बिहार से