रेलवे टेंडर घोटाला:CBI के सामने पेश नहीं हुए लालू-तेजस्वी

Shri Mi
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LALUसीजीवाल।कथित रेलवे टेंडर घोटाला मामले में आरोपी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सीबीआई से पूछताछ के लिए और अधिक समय की मांग की है। वहीं लालू के बेटे तेजस्वी यादव से कल (बुधवार) होने वाली पूछताछ भी टाल दी गई है।लालू यादव यादव को मंगलवार को सीबीआई के सामने पेश होना था। उन्होंने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सीबीआई से और अधिक समय की मांग की है।सीबीआई ने लालू यादव को अब 5 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। जबकि पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को 6 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा गया है।इससे पहले लालू-तेजस्वी दो बार समन के बावजूद नहीं पेश हुए थे। सीबीआई ने 11-12 सितंबर और 25-26 सितंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया था।सीबीआई ने पांच जुलाई को लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ इस मामले में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।सीबीआई का आरोप है कि लालू ने 2004-09 के दौरान रेलमंत्री रहते हुए रांची और पुरी में आईआरसीटीसी के होटल के ठेके विजय और विनय कोचर के स्वामित्व वाली सुजाता होटल्स कंपनी को सौंप दिए थे, जिसके बदले इस परिवार ने रिश्वत के रूप में बिहार में एक प्रमुख भूखंड लिया था।
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                                             सीबीआई के अनुसार, लालू प्रसाद ने अवैध रूप से आईआरसीटीसी के होटल सुजाता होटल्स के मालिक को बेच दिए और इस दौरान इन होटलों की देखभाल और संचालन के बदले लालू ने कोचर से रिश्वत ली, और उन पैसों का इस्तेमाल पटना में तीन एकड़ जमीन खरीदने के लिए किया गया। इस जमीन पर मॉल बनाने की तैयारी चल रही है।

                                            सीबीआई ने पांच जुलाई को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120 बी तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 और 13 (1) बी के तहत इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी और एजेंसी ने दावा किया था कि इन पैसों को आरजेडी के सांसद प्रेम चंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के नाम से बनी बेनामी कंपनी के माध्यम से लिया गया।सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक, विनय कोचर ने पटना में 25 फरवरी, 2005 को डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को मात्र 1.47 करोड़ में यह जमीन बेची।

                                          सरला गुप्ता उस समय कंपनी की निदेशक थीं।पूछताछ से पता चला कि पैसों का भुगतान अहलूवालिया कांट्रेक्टर और इसके प्रमोटर बिक्रमजीत सिंह अहलूवालिया की ओर से किया गया था। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय भी इन वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में अहलूवालिया से पूछताछ कर चुकी है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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