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बिलासपुर । शुक्रवार की सुबह – सुबह विराट के पिता विवेक सराफ के मोबाइल की घंटी बजी…..। यह कॉल ….. माइक टू ( एडीशनल एसपी ) का था….। नंबर मिलाते ही दूसरी तरफ से आवाज सुनाई दी…… अच्छी खबर है…। बेटे के अपहरण के बाद से पिछले 5 दिनों से हर एक आहट पर सजग विवेक सराफ को लगा कि उनकी जिंदगी में खुशियां फिर वापस लौट रहीं हैं……। थोडी ही देर में घर के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी……। 5 दिनों से तनाव में जी रहे विवेक सराफ को एक पल लगा – कहीं किसी ने मजाक तो नहीं किया है……। फिर भी नई सुबह की नई उम्मीदों के साथ उन्होने परदे से बाहर झांकर देखा ….। पुलिस की एक गाड़ी नजर आई…..।सीजीवालडॉटकॉम के whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे
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दरवाजा खोला तो सामने पुलिस के आईजी, एसपी,एडीशनल एसपी, सीएसपी कई अफसर खड़े थे….. और इन सबके बीच उन्होने पुलिस की गाड़ी से अपने लाड़ले विराट को उतरते देखा….। उन्होने दौड़कर बच्चे को सीने से लगा लिया और परिवार को यह खबर दी….।
यह बताते हुए विवेक सराफ का गला भर आया। वे कहते हैं कि मुझे पुलिस पर पूरा भरोसा था और आज यह साबित हो गया कि बिलासपुर की पुलिस बेहतर पुलिस है। उन्होने कहा कि लोग मुंबई की पुलिस को अच्छा बताते हैं…. मैं तो कहूंगा कि बिलासपुर – छत्तीसगढ़ की पुलिस कहीं बेहतर है। विराट के सकुशल घर लौटने के बाद एक बातचीत में विवेक सराफ ने बताया कि पिछले 5 दिन किस तरह बीते। पूरा परिवार यह सोचकर रो पड़ता था कि बेटा किस हाल में होगा…. क्या खा रहा होगा…कैसा होगा।
लौटने के बाद जब परिवार ने विराट से पूछा तो उसने बताया कि चार लोग उसे ले गए थे। एक कमरे में बंद कर रखे थे। खाने को सिर्फ बिस्किट ही देते थे। अपहरणकर्ताओँ ने कई बार बच्चे को मारा भी। छोटा बच्चा होने के कारण इस बारे में और अधिक कुछ नहीं बता पा रहा है।
एक सवाल के जवाब में विवेक सराफ ने कहा कि पूरे शहर के लोगों ने उनके बच्चे की सलामती के लिए दुआएं की । इसके लिए वे आभारी रहेगे। उन्होने कहा कि उन्हे पुलिस पूरा भरोसा था। जो आज सच साबित हो गया।पुलिस की कामयाबी के लिए भी उन्होने आभार माना। उन्होने कहा बच्चे की सकुशल वापसी के बाद उन्हे और परिवार को जो खुशी मिली है, उसे वे शब्दों में बयान नहीं कर सकते।
विराट के बड़े पापा शैलेन्द्र सराफ ने भी मीडिया से कहा कि बच्चे की सकुशल वापसी से जो खुशी मिली है, उसे बयान नहीं कर सकते । उन्होने भी पुलिस की कामायाबी पर आभार जताया। एक सवाल के जवाब में उनका कहना ता कि इस तरह के अपराध पर रोक लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरे हर घर में लगाए जाने चाहिए। उनके ड्राइवर विशुकुमार बंजारे ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि उसने अपहरण करने वालों को पहचान लिया था। उन्हे पहली बार इधर देखा था।