बिलासपुर-हवाई सुविधा जन संघर्श समिति का अखंड धरना आंदोलन को चलते हुए आज 181वें दिन समिति के सदस्य धरने पर बैठे।आज की सभा को संबोधित करते हुये उमेश मौर्य ने कहा कि जब छत्तीसगढ राज्य बना था, तब बिलासपुर में राजधानी बनाने की मांग थी। उस वक्त हाई कोर्ट देकर यह कहा गया था कि बिलासपुर के विकास में रायपुर की तुलना में कोई भी कमी नहीं होने दी जायेगी परन्तु आज 19 साल बाद यह आष्वासन झूठा साबित हुआ है और छत्तीसगढ का विकास केवल रायपुर में केन्द्रित हो गया है। मौर्य जी ने कहा कि बिलासपुर से अन्य प्रदेशो मंे यात्रा करने के लिए एक दिन पूरा नश्ट हो जाता है और इस समय के समन्वय न होने कारण यहां पढने वाले छात्र-छात्राएं शिक्षा व रोजगार के अवसर गवां बैठते है। राज्य निर्माण के पहले ही बिलासपुर में वायुदूत की हवाई सुविधा मौजूद थी, उसमें विस्तार करने के बजाय आज तक हमें हवाई सुविधा से वंचित रखा गया है। बिलासपुर में एसईसीएल, रेल्वे जोन, एनटीपीसी, केन्द्रीय विविऔर हाई कोर्ट है। संभवतः यह देश में अकेला शहर है जहां इतने प्रमुख कार्यालय होने के बाद भी एक चालू हवाई अड्डा नही है।
सभा को संबोधित करते हुए भुवनेष्वर शर्मा ने कहा कि SECLअकेले ही 1000 करोड रूपये से अधिक की राॅयल्टी बिलासपुर संभाग से राज्य सरकार को दे रही है। इसी तरह केन्द्र सरकार को भी राजस्व मिल रहा है। अतः बिलासपुर एयरपोर्ट का 4सी केटेगरी में विकास के लिए कोई भी कमी नहीं होनी चाहिए। श्री शर्मा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आज हममे से कई परिवार के बच्चे पुणे-बैंगलौर-हैदराबाद-दिल्ली-मुंबई आदि में या तो पढ रहे है या नौकरी कर रहे हैं। वे चाह कर भी कई बार अपने घर नही आ पाते क्यांेकि रायपुर से फ्लाईट पकडने में पूरा दिन व्यर्थ हो जाता है। आज बिलासपुर से पुणे-हैदराबाद-बैंगलौर समेत दिल्ली-मुंबई और कलकत्ता की हवाई सुविधा चाहिए।
आज के धरने में सभा का संचालन देवेन्द्र सिंह बाटू ने किया और आभार प्रदर्शन राम दुलारे रजक द्वारा किया गया।आज धरना आंदोलन में अशोक भण्डारी, मनोज तिवारी, निलेश तिवारी, समीर अहमद, विभूत भूषण गौतम, शालिकराम, नरेश यादव, अभिशेक चौबे, बद्री यादव, संतोष पीपलवा, रमा शंकर बघेल, अखिल अली, केशव गोरख, ब्रम्हदेव सिंह ठाकुर, बबलू जार्ज, नवीन वर्मा,उपस्थित थे।