पटना।बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के रवैये से नाराज चल रहे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से नाता तोड़ लिया है।एनडीए से नाता तोड़ने के बाद मांझी ने महागठबंधन का हाथ थाम लिया है।इस मौके पर मांझी के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, ‘वह हमारे पिता के पुराने दोस्त हैं और हम उनका स्वागत करते हैं।’ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से अलग होने के बाद मांझी ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नाम से खुद की पार्टी बनाते हुए एनडीए से गठबंधन किया था।2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में मांझी को बीजेपी ने गठबंधन के तहत कुल 20 सीटें दी थीं, हालांकि उनकी पार्टी महज एक सीट पर ही चुनाव जीत पाई।इस चुनाव में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन ने एनडीए को करारी शिकस्त दी थी। हालांकि यह महागठबंधन ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल पाया और नीतीश कुमार ने इससे अलग होते हुए फिर से बीजेपी के सहयोग से बिहार में सरकार बनाई।
मांझी पिछले कुछ महीनों से पार्टी से नाराज चल रहे थे। हाल ही में उन्होंने बिहार की राज्यसभा की 6 सीटों में से अपनी पार्टी का एक उम्मीदवार बनाने की मांग की थी।मांझी ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी के एक नेता को एनडीए का उम्मीदवार नहीं बनाया जाता है तो उनके नेता और कार्यकर्ता बिहार में होने वाले उप-चुनाव में प्रचार नहीं करेंगे।बिहार में 11 मार्च को अररिया लोकसभा सीट और जहानाबाद-भभुआ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं।इससे पहले एनडीए की बड़ी सहयोगी पार्टी शिवसेना भी 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है।
महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी गठबंधन के बीच लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है।इसके अलावा तेलुगू देशम पार्टी भी एनडीए से अलग होने की चेतावनी दे चुकी है। बजट में आंध्र प्रदेश को तरजीह नहीं मिलने की वजह से नाराज तेलूगू देशम ने एनडीए को चेतावनी दी थी, हालांकि पार्टी अब मान चुकी है।