बिलासपुर—- भाजपा के दिग्गज नेता धरमलाल और अमर अग्रवाल ने प्रेसवार्ता कर प्रदेश सरकार पर गौठान घोटाला का आरोप लगाया है। दोनो नेताओं ने बताया कि केन्द्र सरकार की योजनाओं का गलत उपयोग कर 1300 करोड़ राशि की बंदरबांट गौठान के नाम पर हुई है। 14 और 15 वें वित्त वर्ष की राशि का गौठान के नाम पर उपयोग किया गया है। इस दौरान अमर और धरम ने कहा कि एक दिन ऐसा भी संभव है कि कोई केन्द्रीय एजेंसी जांच करेगी तो सच और झूठ सामने आ जाएगा। सवाल जवाब के दौरान दोनो नेताओं ने कहा कि गौठान योजना भ्रष्टाचार विकेन्द्रीकरण का दूसरा नाम है। साथ ही यह भी दुहराया कि रतनजोत में कम से कम पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपनी गाड़ी को चलाकर दिखाया। लेकिन यहां तो गौठान के 13 सौ करो़ड का वारा न्यारा कर दिया गया है।
भाजपा नेताओंकी संयुक्त प्रेसवार्ता
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व निकाय मंत्री अमर अग्रवाल, विधायक रजनीश सिंह, विधायक कृष्णमूर्ति बांधी, राज्य महिला आयोग पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय, भाजपा नेता भूपेन्द् सवन्नी और भाजाप जिला अध्यक्ष रामदेव कुमावत ने संयुक्त प्रेसवार्ता कर प्रदेश सरकार पर गौठान योजना के नाम 13 सौ करोड़ रूपयों का घोटाला करने का आरोप लगाया। धरम और अमर समेत सभी नेताओं ने कहा कि पिछले दिनों जिले के सभी वरिष्ठ नेताओं ने विधानसभावार गौठानों का निरीक्षण किया। इस दौरान गौठान के नाम पर सिर्फ केन्द्रीय राशि में बंदरबांट का खेल हुआ है।
अमर और धरम समेत अन्य नेताओं ने बिल्हा, मस्तूरी,बेलतरा, तखतपुर,कोटा में स्थित गौठान निरीक्षण का अनुभव साझा किया। भाजपा नेताओं ने बताया कि सरकार ने विधानसभा में एलान किया था कि प्रत्येक गौठान को दस हजार रूपए दिए जाएँगे। गौठान संरक्षण और गौ उत्पादों को लेकर कांग्रेस सरकार ने बड़ी बातें कही थी। लेकिन जमीन पर गौठानों की स्थिति बद से बदलतर है।
गौठानों की हालत दयनीय
अमर और धरम ने बताया कि कहीं गौठान है ही नहीं। निरीक्षण के दौरान सरपंच और समिति के सदस्यों ने जो कुछ बताया उससे जाहिर हो चुका है। गौठान के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। धरम ने बताया कि आज भी गांव के लोग दैहान में अपने जानवरो को रखते हैं। किसी भी गौठान में एक भी जानवर निरीक्षण के दौरान नहीं पाए। जो गौठान है वहां की स्थिति जानवरों को प्रताड़ित करने वाला है।
धरम ने इस दौरान गौठानों की समीतियों की बातों को सबके सामने रखा। उन्होने बताया कि किसी भी समिति को राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। एक दो समितिओं ने जरूर बताया कि दो एक बार रूपया मिला है। लेकिन इसके बाद एक कौड़ी भी किसी को नहीं दिया गया।
योजनाओं का दुरूपयोग
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने कहा शासन के घोषणानुसार समिति के अध्यक्ष को प्रति महीने 750 और सदस्यों को 500 दिया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा कुछ जमीन पर दिखाई नहीं दिया। सच तो यह है कि प्रदेश सरकार ने ना तो सामान्य गौठान और ना ही मॉडल गौठान का निर्माण किया है। बल्कि केन्द्र सरकार से ग्राम पंचायतों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं की राशि का दुरूपयोग किया है। जबकि इस राशि से ग्रामीण विकास में खर्च किया जाना चाहिए था। मनरेगा के माध्यम से लोगों को रोजगार दिया जाना चाहिए थे।
रतनजोत को बताया सफल
क्या गौठान योजाना का भी रतनजोत जैसा हश्र होगा। सवाल पर धरम लाल कौशिक ने कहा कि हमने अपने भाषण के माध्यम से मुख्यमंत्री को कुछ सलाह दिया था। मैने कहा था कि योजना को लेकर सलाह देने वालों से बचें। नहीं तो इसकी भी हालत सफेद मुसली जैसी होगी। रही बात रतनजोत की सफलता पर तो मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जेट्रोफा से अपनी गाड़ी को चलाया। यहां तो कुछ भी नहीं हासिल हो रहा है।
भ्रष्टाचार का विकेन्द्रीकरण
जिस योजना को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री, और देश के प्रदानमंत्री तारीफ कर रहे हों..उसमें क्या घोटाला संभव है। अमर अग्रवाल ने बताया कि हमारी भावनाएं गौवंश और उसके उत्पाद से जुडी है। देश का भी ऐसा ही हाल है। यह योजना पूरी तरह से असफल है। योजना के माध्यम से भ्रष्टाचार की परिपाटी का जन्म हुआ है। मुख्यमंत्री को हमारी सलाह है कि इस योजना का प्रचार प्रसार राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ना करें। क्योंकि हम सभी जानते है कि इसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। इसका प्रचार प्रसार कर देश में प्रदेश की बदनामी ना कराएं। यदि किसी केन्द्रीय एंजेंसी की नजर में यह योजना आ गयी तो …छत्तीसगढ़ की बहुत बदनामी होगी।
अमर ने बताया कि गौठान योजना से भ्रष्टाचार का विकेन्द्रीकरण हुआ है। यह एक नयी परम्परा ना बने…हमारी यही मांग है।