एक बार फिर रेतचोरों ने खूनी खेल खेला है। चोरी का रेत उत्खनन कर तेज रफ्तार से भाग रहे ट्रैक्टर की चपेट में आने से स्कूल से घर जा रहे प्रांजल और प्रखर मिश्रा ट्रैक्टर की चपेट में लिया है। घटना कोनी थाना क्षेत्र का है। दोनों भाई आधारशिला स्कूल विद्या मंदिर से छुट्टी के बाद अपने घर मोटरसायकल से नगोई जा रहे थे। दिल दहला देने वाला हादसा अशोकनगर के पास हुआ। एक बार खूनी हादसे ने तंत्र का पोल खोल दिया है। बताते चलें कि एक महीने पहले ही लोफंदी में 22 साल का एक युवक रेत रफ्तार से भाग रहे रेत भरे हाइवा की चपेट में आ गया था । और उसकी भी घटना स्थल पर ही मौोत हो गयी । मामला लगातार सुर्खियों में रहा। मंत्री से लेकर संत्री तक जल्द ही रेत माफियों की चोरी पर अंकुश लगाने का आश्वासन दिया था। लेकिन हर बार की तरह आश्वासन …आश्वासन बनकर रह गया। और रेत माफियों को दुबारा खूनी खेल खेलने का मौका मिल गया। लेकिन पीसीसी उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने एलान किया है कि अब बहुत हुआ। रेतचोरों के खिलाफ आसपास के लोगों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद उग्र आंदोलन किया जाएगा।
फिर सामने आया रसूखदार नेता का नाम…विभाग मौन
जानकारी के अनुसार जिस स्थान से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है वह किसी रसूखदार नेता का है। इसके चलते माइनिंग विभाग भी मौन है। खबर है कि स्थानीय लोगोेें ने मामले की शिकायत कई बार माइनिंग से की है। बालजूद इसके विभाग कार्रवाई करने से लगातार बचता रहा है।
संवाददाता ने बताया कि स्कूल छूटने के बाद दोनों भाई मोटर सायकल से अपने घर नगोई जा रहे थे। अशोकनगर के पास दिल दहला देने वाले हादसे में प्रांजल मिश्रा तेज रफ्तार जा रहे ट्रैक्टर की चपेट में आने के बाद दम तोड़ दिया। जबकि छोटा भाई प्रखर गभीर रूप से घायल हो गया। प्रखर इस समय अस्पताल में जिन्दगी और मौत के बीच झूल रहा है। खबर मिलते ही कोनी पुलिस मौके पर पहुंच गयी। स्थानीय लोगों ने भी ट्रैक्टर को घेर लिया। लेकिन ट्रैक्टर चालक भगाने में कामयाब हो गया ।
मौके पर पहुचे पीसीसी उपाध्यक्ष..
घटना की जानकारी मिलते ही पीसीसी उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव मौके पर पहुंच गए। मृतक के परिजनों से मुलाकात कर रेत चोरो के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही । आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया। इस दौारान अटल श्रीवास्तव ने माइनिंग विभाग की कार्यशैली को लेकर जमकर नाराजगी जाहिर की है। बिना स्वीकृति रेतघाट चलाने वाले रेतचोरों की सूची देने को कहा।
वहीं हादसे के चश्मदीदों ने कहा कि रेत उत्खनन कौन कर रहा है। इस बात की जानकारी खनिज विभाग से लेकर सत्ताधारी दल को है। सबको पता है कि रेत का अवैध कारोबार कौन कर रहा है।
माइनिंग विभाग की मिली भगत या लाचारी
बहरहाल हादसे से एक बार फिर जाहिर हो गया है कि माइनिंग विभाग रेतमाफियों के सामने नतमस्तक है। एक महीने पहले भी रेतचोरों ने घुटकू एक युवक को मौत के घाट उतारा था। विऱोध के बाद मामला किसी तरह शांत हुआ। अब फिर दो सगे भाइयों को अपने चपेट में ले लिया है। इससे जाहिर होता है कि रेतचोरों के सामने माइनिंग अधिकारी कितने बेबस है। क्योंकि ज्यादातर रेत चोर सत्ताधारी पार्टी के रसूखदार नेता है।
रसूखदार नेता के इशारे पर रेत का अवैध कारोबार
सूत्रों की माने तो क्षेत्र में रेतचोरी का कारोबार सत्ताधारी नेता के इशारे पर किया जा रहा है। अवैध कारोबार को रोकने जब भी प्रयास किया गया। रसूखदार नेता ने अधिकारियों को डांट डपटकर शांत करा दिया। अवैध उत्खनन मामले को बड़े नेताओं के सामने भी उठाया गया। मामला कुछ दिनों तक शांत रहा। फिर रसूखदार नेता के इशारे में रेत चोरी का कारोबार दुबारा चलने लगा।
अधिकारियों को अटल ने किया तलब
घटना के बाद मौके पर पहुंचे पीसीसी उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने तत्काल पीडब्लूडी इंजीनियर और माइनिंग अधिकारी को तलब किया। आदेश के बाद तत्काल स्कूल के सामने और आस पास ब्रैकर बनाया गया।
अटल श्रीवास्तव ने माइनिंग अधिकारी से कहा कि बताएं क्षेत्र में कहा कहां शासन ने रेत घाट खोलने का आदेश दिया है।
रायल्टी चोरी के कारण शार्टकट रास्ता
बताते चलें कि शासन ने नीलामी प्रक्रिया के तहत रेतघाट अलाट किया है। बावजूद इसके रेतचोर अपने घाट को छोड़कर दूसरी जगह अवैध तरीके से रेत का उत्खनन कर रहे है। माइनिंग अधिकारी जानते हुए भी चुप है। रेत परिवहन के समय कार्रवाई से बचने रेत चोर शार्टकट रास्ते से रेत का परिवहन करते हैं। जिसके कारण इस प्रकार के हादसे सामने आ रहे हैं।
बैठक में लेंगे आंदोलन का फैसला
रेत उत्खनन क्षेत्र से जुड़े गांव के सरपंचों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। इस ेदौरान अधिकारियों को भी बुलाया जाएगा। सारी जानकारी के बाद पुरी तैयारपी के साथ रेत चोरों के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो सरकार को भी इससे अवगत कराया जाएगा। लेकिन अवैध उत्खनन और परिवहन के साथ रेतचोरों को माफ नहीं किया जाएगा।
अटल ने कहा कि रेत के लिए घाट अलाट किया गया है। लेकिन जानकारी मिल रही है कि अरपा में उतरते ही पूरी अरपा रेतचोरों की जागिर हो जाती है। और अब यह बर्दास्त नहीं किया जाएगा। यदि इसमें अधिकारियों और पुलिस की मिली भगत सामने आती है तो कार्रवाई की मांग करेंगे।
11 महीने में 15 की मौत
जानकारी के अनुसार रेत के अवैध कारोबार और रूपयों की हवस में अब तक रेतचोरों ने 15 लोगों को मौत के घाट उतारा है। यह आंकड़ा मात्र 11 महीनों का है। लोगों ने बताया कि जिसने भी रेत के अवैध उत्खनन का विरोध किया। उसे गाड़ी के नीच लेकर हादसे का शक्ल दे दिया जाता है। मामला शांत होने के बाद आरोपी रिहा हो जाते है। रेत चोरों का कारोबार दुबारा शुरू हो जाता है।