वाड्रफनगर(आयुष गुप्ता) कोरोना से एक और डॉक्टर की मौत हो गई। इस बार कोरोना वाड्रफनगर के बीएमओ के लिए घातक साबित हुआ। कोरोना संक्रमितों का इलाज करते 7 मई को वे खुद पॉजिटिव हो गए थे। सांस लेने में परेशानी के बाद उन्हें एक दिन बाद ही एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया था।यहां 12 दिन तक वे जिंदगी-मौत के बीच जूझते रहे, अंतत: गुरुवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली। बीएमओ की मौत से वाड्रफनगर अस्पताल समेत क्षेत्र में शोक का माहौल है।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के वाड्रफनगर बीएमओ के पद पर डॉ. गोविंद सिंह पदस्थ थे। ड्यूटी के दौरान उन्होंने कई कोरोना संक्रमितों का इलाज कर मौत के मुंह से बचाया था। संक्रमितों की इलाज के दौरान ही वे खुद पॉजिटिव हो गए। उन्होंने जब कोरोना की जांच कराई तो 7 मई को संक्रमित निकले।इसी बीच उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो परिजनों द्वारा उन्हें 9 मई को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया। यहां उन्हें हाई फ्लो ऑक्सीजन में रखा गया था। 12 दिन तक वे कोरोना से संघर्ष करते रहे, इसी बीच गुरुवार की देर रात वे जिंदगी की जंग हार गए।
अस्पताल स्टाफ में शोक का माहौल
बीएमओ डॉ. गोविंद सिंह बेहद सरल स्वभाव के थे तथा जनहित के कार्यों को लेकर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखते थे। उनके निधन की खबर मिलते ही वाड्रफनगर अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मचारियों तथा क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई।