बिलासपुर—-पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बयान पर कांग्रेस नेताओं ने पलटवार किया है। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि सत्ता से दूर होने के बाद भाजपा नेता छटपटा रहे हैं। और अब बयानवाजी कर जमीन तलाश कर रहे हैं।
बृजमोहन के बयान पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अटल ने कहा कि बृजमोहन को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। मैं भाजपा नेताओं की सत्ता के लिए छटपटाहट को समझ सकता हूं। लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि जनता 15 के भाजपा सरकार की कार्यकाल को भूली नहीं है। इसलिए बृजमोहन और भाजपा नेताओं के लिए इतना ही कहूंगा कि दिल्ली अभी दूर है।
अटल श्रीवास्तव ने बताया कि आरोप लगाने से पहले पूर्व मंत्री को गिरेबान झांक लेना चाहिए। उन पर सिरपुर वन विभाग के चार हेक्टयर से अधिक जमीन पत्नी और बेटे के नाम पर दर्ज कराने का आरोप है।
अटल ने कहा 15 सालों में विकास की गंगा कवर्धा से शुरू होकर ” पनामा गेट ” तक पहुंची है। दामाद पर स्वास्थ्य विभाग में 50 करोड़ के घोटाला का आरोप है। अपने को किसान हितैषी बताने वाले पूर्वमंत्री बृजमोहन अग्रवाल किसान विरोधी तीन काला कानून का समर्थन करते हैं। क्या उन्हें धान का समर्थन मूल्य 2100 रूपए करने और 300 रूपए बोनस देंने का वादा याद नहीं है।
2003 में कांग्रेस सरकार के समय राज्य के कोष में 4000 करोड़ से अधिक की राशि थी। 15 सालों में छत्तीसगढ़ की जनता पर 50 हजार करोड़ से अधिक ऋण चढ़ चुका है।क्या इसके लिए डॉ.रमन की सरकार जिम्मेदार नहीं है।
जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष प्रमोद नायक ने कहा कि भाजपा के अत्याचार से हर वर्ग प्रभावित हुआ है। ,मीना खलखो फर्जी मुड़भेड़, झिलिया माड़ी गर्ल होस्टल कांण्ड,बिलासपुर में गर्ल्स हॉस्टल में छात्राओं के साथ पुलिस बर्बरता, बस्तर से लेकर बिलासपुर और सरगुजा -जशपुर तक पत्रकारों की हत्या को जनता अभी भूली नहीं है। महासमुंद जिले में किडनी फेलियर से मौत, नसबंदी कांड, आंख फोड़वा कांड से हजारों लोग प्रभावित हुए है। 36 हजार करोड़ का नान घोटाला रमन सरकार के कार्यकाल में ही हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय ने कहा कि गरीब जनता का निवाला बेचने वाले भाजपा नेताओं को अब गांव गरीब और किसान याद आ रहे हैं। प्रदेश के 70 लाख परिवार को बीपीएल श्रेणी में लाकर भाजपा नेताओं ने जमकर भ्रष्टाचार किया। भाजपा ने ही शराब का सरकारी करण किया । ठेका पद्धति को खत्म कर चहेतों शराब दुकान में फिट किया है।
बृजमोहन अग्रवाल को पता है कि शराबबंदी को लेकर कमेटी बनी है। लेकिन भाजपा विधायक बैठक में शामिल नही होते हैं ? सवाल है आखिर क्यों..केंद्र सरकार 18 हजार करोड़ छत्तीसगढ़ सरकार को क्यों नही दे रही है। बृजमोहन को बताना चाहिए धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये देने को लेकर किसने अड़ंगा डाला है।
बहरहाल बयानबाजी से जाहिर होने लगा है कि 6 महीने बाद पक्ष विपक्ष चुनावी मोड में जाने की तैयारी कर रहे है। साथ ही चुनावी रणनीति तैयार करने को बयानबाजी का मौका भी नहीं छोड़ रहे है। मतलब अब सभी नेता जनता की नब्ज को टटोलने का प्रयास कर रहे है। सीजीवाल बिलासपुर।