बजटः धरम ने कहा विकास को लगा रिवर्स गियर..अरूण ने बताया निशुल्क कोरोना बैक्सीन का जिक्र नहीं..हर्षिता ने बताया महिला विरोधी..युवा नेता ने कहा.बिना दांत अखरोट तोड़ रहे कांग्रेसी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश सरकार के आम बजट विकास विरोधी बताया है। बजट पर अपनी  प्रतिक्रिया में धरमलाल कौशिक ने कहा कि बजट में प्रदेश विकास की कहीं भी चिंता नहीं है। धरम ने कहा कि बजट में  ऐसा कुछ नहीं है जिस पर संतोष जाहिर किया जा सके। क्योंकि बजट में साफ दिखाई दे रहा है कि  प्रदेश को रिवर्स गियर पर ले जाने की कोशिश हो रही है।
 
प्रदेश विकास को लगाया रिवर्स गियर
 
                सीएम ने आज विधानसभा में प्रदेश का बजट पेश किया। धरम लाल  ने कहा कि सीएम का बजट प्रदेश को रिवर्स में ले जाना है। योजनाओं का ऐलान किया गया है लेकिन समुचित बजट की कही भी चर्चा नही है।बजट में कही युवा, महिला व किसान सहित किसी वर्ग की चिंता नही की गयी है। बजट को लेकर कई दावे किये गये है लेकिन इससे आमजनों को निराशा ही हाथ लगी है। बजट में नया कुछ भी समावेश नही किया गया है। पूरी तरह से केन्द्र की योजना पर निर्भर है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार के पेश बजट से विकास की गति थम जायेगी।
 
                अधोसंरचना की चिंता नही है। स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई, नक्सलवाद सहित बुनयादी बातों पर कोई ध्यान दिया गया है। प्रदेश की जनता को इस बजट को लेकर काफी उम्मीदें थी कि कांग्रेस की सरकार ने जिस तरह से अपने घोषणा पत्र को आत्मसात किया था। इसे पूरा करने के दिशा में कोई बात बजट में शामिल नही किया गया है।
 
निशुल्क वैक्सिन का जिक्र नहीं
 
                               सांसद अरूण साव ने कहा कि बजट निराशाजनक है। सरकार की असंवेदनशीलता दिखाई दे रही है। बजट उद्योग, स्वास्थ, इंफ्रास्टक्चर, बेरोजगारों को रोजगार, शिक्षा मूलभूत सुविधाएं, कृषि किसान महिलाओं बुजुर्गो, युवाओं बेरोजगारों, शहरी एवं ग्रामीण विकास, आदिवासी क्षेत्रों के विकास सिंचाई क्षेत्रों में वृद्धि जैसे हर क्षेत्रों में बजट निराशाजनक है।वनवासियों के लिए बड़ी बातें करने वाले मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 32 प्रतिशत आबादी के बजट में केवल 170 करोड़ का प्रावधान कर  छला है। बजट में निःशुल्क कोरोना वेक्सिन देने का कोई जिक्र नहीं है।
 
जमीनी सच्चाई से बहुत दूर का बजट
 
               मस्तूरी विधायक डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि विधानसभा में प्रस्तुत बजट सपनों की सौदागिरी है और जमीनी हकीकत व सच्चाइयों से कोसो दूर है। केन्द्र को सदैव कोसते हुए अपनी जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास करने वाले मुख्यमंत्री हमेशा जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करते है। उनका यह छल कपट और दिखावा ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सकता। बजट में नया कुछ नही है, जो काम हाथ में लिए गए है उन्हें पूरा करने की इच्छा शक्ति कहीं दिखाई नहीं देती।
 
सरकार को दूर दृष्टि का रोग
 
              बेलतरा विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि प्रस्तुत बजट में ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है जिसमें सरकार की दूर दृष्टि की झलक हो। सरकार प्रस्तुत बजट में आम जनता से छलावा कर अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रही है। राज्य, क्षेत्र एवं लोगों के विकास लोगों को रोजगार देने, दैनिक वेतन भोगियों और शासकीय संस्थानों में कार्यरत् युवाओं को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं किया है, जबकि प्रदेश में युवा बेरोजगारों की संख्या में कॉफी इजाफा हुआ है। बजट में जनता के हितों को ध्यान नहीं रखा गया है सिवाय छलावा के और कुछ नहीं है।
 
महिलाओं के प्रति अति असंवेदनशीलता
 
              राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी का झूठे वायदे कर सत्ता में आयी थी। लेकिन अब सरकार इसी शराब की बिक्री बढ़ा कर अपनी वित्तीय स्थिति सुदृढ़ बनाने में लगी है। राज्य में अपराधियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। महिला उत्पीड़न के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। सरकार की कानून व्यवस्था लचर है। इसके बावजूद बजट में महिलाओं के उत्थान एवं विकास के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है। दिखाने के लिए जो थोड़े बहुत प्रयास किए गए है वह ऊंट के मुंह में जीरा है। कुल मिलाकर बजट पूरी तरह आमजनो को हतोत्साहित करता है। बजट महिलाओं के प्रति पूर्णतः असंवेदनशील है।
 
बिना दांत अखरोट तोड़ने वाला बजट
 
                  युवा नेता मनीष अग्रवाल ने बजट को बिना दांत के अखरोट तोड़ने वाला बताया है। आंकड़ों के मकड़जाल का बजट छत्तीसगढ़ की जनता से कोशो दूर है। आदिवासी वनवासी किसान भाई व्यापारी युवा शिक्षा स्वास्थ्य सभी क्षेत्रों को कोई नई सुविधा योजना या लाभ ना देते हुए गणितीय आंकड़ों से जनता को खुश करने का प्रयास किया गया है। बजट में ना तो सिंचाई के संसाधनों का ध्यान रखा गया है। और ना ही किसान हित में नई नीति या योजनाओं का जिक्र किया गया है। एक बार फिर किसानों को छला गया है।  नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासी वनवासी क्षेत्र के लिए कोई नया विशेष पैकेज, रोजगार उन्मूलन साधन सुरक्षा का बदट में ध्यान नहीं दिया गया है। पूर्व से चली आ रही योजनाओं का नाम बदलकर नई घोषणा बजट में दिखती है। 
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