बजटः नेता प्रतिपक्ष ने कहा सरकार ने विकास पर लगाया रिवर्स गेयर..अमर ने कहा..ठोंगी बजट.. सांसद अरूण साव ने बताया संकल्प की कमी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—–भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार का चौथा बज़ट को लोक-लुभावन घोषणाओं का पुलिंदा करार दिया है। प्रदेश की जनता को राहत देकर विकास की ठोस पहल की इच्छाशक्ति का अभाव होना बताया है। भाजपा नेताओं के अनुसार पुरानी बोतल पर  नया लेबल लगाकर खपाने की प्रदेश सरकार बाजीगरी दिखा रही है।  लेकिन जनता राजनीतिक पाखंड को भलीभाँति समझ रही है। ‘लोक-बज़ट’ कम, ‘फेक-बज़ट’ ज़्यादा है।
 
बजट रिवर्स गियर पर–धरमलाल कौशिक
 
              नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि पिछले तीन बजटों की तरह चौथा बजट भी प्रदेश को रिवर्स गियर में ले जाने वाला है। कांग्रेस सरकार अब तक 51 हजार करोड़ रुपए की कर्ज ले चुकी है। प्रतिमाह 600 करोड़ रुपए व साल में 7200 करोड़ ब्याज की राशि पटानी होगी। वहीं केन्द्र सरकार से 44575 करोड़ रुपए राजस्व प्रदेश को प्राप्त होना है। इस तरह से पूरे बजट में ऐसे कुछ भी प्रावधान नहीं है जिससे यह स्पष्ट हो कि सरकार की मंशा क्या है? 14600 करोड़ रुपए का बजट घाटा अनुमानित है जो 3.3 प्रतिशत है। मगर इससे ऋण जमा करने के लिए अधिक प्रावधान रखा गया है। धरम लाल ने कहा कि युवाओं के बेरोजगारी भत्ता की कोई व्यवस्था नहीं है।। प्रदेश के 10 लाख युवाओं को 9000 करोड़ रुपए का भत्ता देना है। प्रदेश सरकार ने अब तक शामिल नहीं किया है। अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए सरकार ने बजट में कोई प्रावधान नहीं है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों के 14 प्रतिशत डीए और चार स्तरीय वेतनमान सहित बढ़ा हुआ गृह भाड़ा की भी व्यवस्था नहीं है।
 
ढोंगी सरकार का ढोंगी बजट..अमर अग्रवाल
 
                             छत्तीसगढ़ सरकार का  बजट आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया गया है। , उक्त बाते पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने बजट पर कही है। अग्रवाल ने कहा कि बजट पूर्ण रूप से ढोंगी सरकार का ढोंग वाला बजट है। प्रदेश की जनता को कोई लाभ नही मिलने वाला।नाकामी छुपाने लोक लुभावन बजट पेश किया है। वृद्धजनों के लिए भाजपा सरकार ने तीर्थ यात्रा योजना लागू की थी…क्यों बंद कर दिया गया। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का जो वायदा किया गया था उसका क्या हुआ।  इसके पूर्व सरकार ने जो बजट पेश किए गए थे उसका क्या हुआ । बजट में जो सब्ज बाग दिखाए गए थे वही हाल इस वर्ष के बजट में दिख रहा है। सिर्फ कर्जा से सरकार चल रही है। प्रदेश की जनता को कर्ज के बोझ तले लाद दिया है। बजट में निराशा और छलावे के सिवा कुछ नही है।महिलाओं, बेरोजगार युवाओं, किसानों, मजदूरों, बुजुर्गो और बेटियों के लिए निराशा के सिवाय कुछ भी नही है। अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केवल मुंगेरी लाल के हसीन सपने वाले सपना बेचकर केवल वाहवाही लूटने वाला बजट पेश किया है।
 
किसानों से संकल्प की कमी..अरूण साव
 
                सांसद अरूण साव ने कहा किकिसानों के जीवन-स्तर के उठाने और खेती-किसानी के काम को सुगम और लाभपरक बनाने का कोई संकल्प बज़ट में नहीं है। उत्तरप्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिट के नाम पर बगलें बजाती प्रदेश सरकार अपने चौथे बज़ट में भी अपने इस वादे पर ख़ामोश है । सिँचाई योजनाओं के लिए भी किया गया अत्यल्प बज़ट प्रावधान सरकार के किसान विरोधी चरित्र को जाहिर करता है। किसानों के साथ क़दम-क़दम पर दग़ाबाज़ी करने वाली सरकार ने किसानों को केवल त्रस्त और आत्महत्या के लिए मज़बूर ही किया है।
 
कर्ज के दलदल में छत्तीसगढ़..भूपेन्द्र सवन्नी
 
             भाजपा प्रदेश महामंत्री भूपेन्द्र सवन्नी ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस बज़ट में कुछ भी नया नहीं है। महज़ तीन साल के कार्यकाल में ही लगभग 51 हज़ार करोड़ रुपए के कर्ज़ के दलदल में छत्तीसगढ़ को झोंक दिया है। एक बार फिर उधार के अर्थतंत्र की दिशा में प्रदेश को धकेलने वाला साबित होगा।
 
केन्द्र सरकार पर निर्भर…डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी
 
        मस्तूरी विधायक डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी ने प्रदेश सरकार के बज़ट को निराश करने वाला बताया। डॉ.बांधी ने कहा कि अजा-अजजा वर्ग के उत्थान की कोई ठोस परिकल्पना यह बज़ट नहीं दे रहा है। प्रदेश सरकार की बज़ट घोषणाएँ तो अधिकांशतः केंद्र सरकार के अनुदान पर निर्भर हैं। अजा-अजजा क्षेत्रों में बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिए भी ठोस प्रयासों का इरादा प्रदेश सरकार के बज़ट में कहीं नज़र नहीं आ रहा है।
 
आदिवासियों के सर्वांगीण पर सरकार मौन–रजनीश
 
               बेलतरा विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि युवाओं, महिलाओं, गरीबों, किसानों के साथ छल किये जाने वाले हताशा पूर्ण विकास विरोधी बजट है। सरकार ने हर वर्ग को निराश किया है। राज्य के विकास के लिए किसी भी प्रकार का कोई दृष्टि नही है। शराब बंद करने, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने। आदिवासी क्षेत्रों में पुजारियों, बैगा-गुनिया और माँझी के लिए बेहद कम राशि की घोषणा करके आदिवासी क्षेत्रों में चल रहे धर्मांतरण के कुचक्र और आदिवासियों के धर्मस्थलों व मूर्तियों के लगातार हुए। आदिवासियों के सर्वांगीण विकास, सम्मानजनक जीवन-स्तर और उनकी पूरी सुरक्षा को लेकर यह बज़ट मौन है।
 
बेरोजगारी भत्ता का जिक्र नहीं–रारमदेव
 
           भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने बज़ट भाषण में रोज़गार के नाम पर प्रदेश को एक बार फिर ग़ुमराह करने का आरोप लगाया। बेरोज़गारी भत्ते के लिए कोई प्रावधान इस वर्ष भी नहीं किया गया। तीन साल में 5 लाख नौकरियाँ देने कर झूठी वाहवाही बटोरने का शर्मनाक उपक्रम कर रही प्रदेश सरकार बताए कि अपने पूरे कार्यकाल में 15 लाख रोज़गार मुहैया कराने का दावा वह किस आधार पर कर रही है?
 
बजट में कमीशन को बढ़ावा–हर्षिता पाण्डेय
 
                 राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के बजट को दिशाहीन बताया है। बजट में ना दूरदर्शिता है और ना वर्तमान की प्लानिंग। विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। टेंडर 50 से 100 प्रतिशत तक कि ज्यादा लागत पर निकाले जा रहे हैं। ऐसे में विधायक निधि बढाने का उद्देश्य केवल कमीशन को बढ़ाना मात्र प्रतीत होता है। शहरों के लिए किसी प्रकार की कोई विकास की कार्य योजना नही है। 
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