बिलासपुर में रेलवे बनाएं 300 बेड का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और तत्काल रेलवे अस्पताल में 100 कोविड बेड बढ़ाएं, महापौर रामशरण यादव ने रेलमंत्री को लिखी चिट्ठी

Shri Mi
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बिलासपुर।महापौर रामशरण यादव ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को चिट्ठी लिखकर बिलासपुर जोनल रेलवे जोनल मुख्यालय में 300 बिस्तरों का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाने की मांग की है। कोरोना महामारी को देखते हुए वर्तमान समय में एसईसीआर के अस्पताल में 100 कोविड बेड बढ़ाने के लिए भी लिखा है। अपने पत्र में श्री यादव ने रेल मंत्री को लिखा है कि सर्वाधिक माल लदान और आय वाला रेलवे जोन होने और 2003 में जोन गठित होने के बावजूद अभी तक बिलासपुर में केंद्रीय चिकित्सालय का निर्माण नहीं किया गया है। पत्र में श्री यादव ने लिखा है कि बिलासपुर में रेलवे का एक सौ बिस्तर वाला मंडल स्तरीय अस्पताल काफी दिनों से है। बिलासपुर के रेलवे जोन बनने के बाद रेल प्रबंधन ने इसी अस्पताल में केंद्रीय अस्पताल का बोर्ड लगाकर जोन मुख्यालय में केंद्रीय चिकित्सालय होने की खानापूर्ति कर दी है। वर्तमान में बिलासपुर के रेलवे अस्पताल में मात्र 125 बेड हैं। लेकिन यह अस्पताल ना तो सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है और न मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल ही है।

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रेलवे के द्वारा बिलासपुर जोन छोड़कर बाकी सभी रेलवे जोन और उनके मुख्यालय में 300 से लेकर 500 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय का निर्माण किया गया है। यह बहुत बड़ी विडंबना है कि सर्वाधिक आय रेलवे को देने वाले बिलासपुर जोन में चिकित्सा के नाम पर सबसे कम सुविधाएं रेल मंत्रालय द्वारा दी गई हैं। पत्र में वर्तमान कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए श्री यादव ने कहा कि इस के प्रकोप से बिलासपुर भी थर्रा गया है। यहां भी बड़ी संख्या में रोज कोरोना से संक्रमित नए मरीज मिल रहे हैं और बड़ी संख्या में मौतें भी हो रही है। इसे देखते हुए महापौर श्री यादव ने रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में कहा है कि बिलासपुर जोन रेलवे का सबसे महत्वपूर्ण और अधिक आय देने वाला जोन है। इसलिए यहां 300 बिस्तर वाले सुपर स्पेशलिटी रेलवे अस्पताल का निर्माण करने की दिशा में ठोस पहल की जानी चाहिए। वही तात्कालिक रुप में कोरोनावायरस को देखते हुए रेलवे के चिकित्सालय में सौ अतिरिक्त कोविड-19 बेड की व्यवस्था तत्काल कराएं।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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