बिलासपुर—मंगला चौक से उस्लापुर रेल ब्रिज के बीच लगातार चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान निगम ने मंगलवार को अस्थायी रूप से रोक लगा दिया है। शाम को विकास भवन में रेलवे जमीन पर काबिज लोगों के साथ बैठक कर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट एमडी कुणाल दुदावत ने सभी प्रभावितों की बातों को सुना। साथ ही शासन के मंशा को भी जाहिर किया। बैठक में उपस्थित सभी प्रभावितों को बताया कि अतिक्रमण किए गए जमीन को खाली कराया जाएगा। इसके पहले लोगों की मांग के अनुसार विधिवत सीमांकन की कार्रवाई होगी। कोर्ट के निर्देशानुसार किसी भी निजी जमीन को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा। विकास भवन में आयोजित बैठक के दौरान एमडी दुदावत ने स्पष्ट किया कि सीमांकन कार्रवाई के साथ ना केवल अतिक्रमण हटाया जाएगा। बल्कि सड़क निर्माण की कार्रवाई भी शुरू कर देंगे।
एमडी ने पत्रकारों को बताया कि बैठक में निगम की रेलवे जमीन पर काबिज लोगों को बुलाया गया था। उपस्थित लोगों के सुझावों को गंभीरता से लिया गया। साथ ही स्पष्ट किया गया कि किसी को बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा। सीमांकन कार्रवाई के बाद हासिल जमीन के अनुसार सड़क का लेआउट तैयार किया जाएगा। दुदावत ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र पर किए गए सभी कब्जों को हटाया जाएगा। सीमांकन रिपोर्ट मिलने के साथ ही हम अपनी कार्रवाई भी शुरू कर देंगे।
क्या है मामला
जानकारी देते चलें कि 1932 ब्रिटिश काल में बिलासपुर से मुंगेली तक रेलवे पटरी बिछाने का प्रस्ताव पारित किया था। बाद में योजना को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया। साल 1954 में रेलवे ने जमीन को शासन के हवाले कर दिया। बाद में यही जमीन निगम के हाथ में आ गयी। लोगों ने समय के साथ जमीन पर कब्जा कर निर्माण कार्य कर दिया। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के मद्देनजर प्रस्तावित सड़क निर्माण को लेकर निगम ने मंगला चौक से उस्लापुर रेलवे ओव्हरब्रीज तक सरकारी जमीन पर काबिज सभी लोगों को नोटिस जारी किया। अतिक्रमण हटाओ अभियान भी चलाया। जानकारी देते चलें कि मंगलवार को पाटीदार भवन के अतिक्रमण पर अभियान चलाया जाना था। शादी कार्यक्रम के कारण अभियान को निगम ने ब्रेक लगाते हुए अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है।