बिलासपुर— डीए की घोषणा नही होने पर कर्मचारियों और पेंशनरों ने नाराजगी है। कर्मचारी नेता प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि कर्मचारियों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इंद्रावती भवन में कर्मचारियो के मंच पर डीए की घोषणा करेंगे। इससे कर्मचारी वर्ग में गहरी नाराजगी है।
संजय तिवारी ने बताय ाकि प्रदेश के साढ़े तीन लाख कर्मचारी और एक लाख पेंशनरधारी महंगाई की मार जूझ रहे हैं। बावजूद इसके मुख्यमंत्री कर्मचारियों की तकलीफ को अनसुना किया। केवल आश्वासन देकर पल्ला झाड़ा गया।
महँगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के कर्मचारी नेताओ ने कहा कि पंचायती राज सम्मेलन में सरपंच से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष के मानदेय में वृद्धि का एलान किया गया। पिछले दिनों नगरीय निकाय के पार्षद से लेकर महापौर तक के मानदेय को बढ़ाया गया। तब सरकार पर किसी प्रकार का वित्तीय भार नहीं था। ऐसे किये जाने से पहले अधिकारियों से चर्चा भी नहीं हुई।
सवाल उठता है कि क्या कर्मचारियों का डीए ही राजस्व भार है। अब मुख्यमंत्री कहते हैं कि अधिकारियों से करेंगे। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रान्तीय संयोजक अनिल शुक्ला, महामंत्री ओ पी शर्मा, रोहित तिवारी, महेंद्र सिंह, कमलेश राजपूत, प्रान्तीय प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि लंबित सत्रह प्रतिशत महंगाई भत्ता की मांग को लेकर 11 से 13अप्रैल तक तीन दिवसीय आकस्मिक अवकाश के साथ प्रदेश व्यापी हड़ताल करेंगे।