केंद्रीय मंत्री पर लापरवाही से गाड़ी चलाने और एंबुलेंस का दुरुपयोग करने का केस
केंद्रीय मंत्री और मलयालम फिल्म सुपरस्टार सुरेश गोपी पर केरल पुलिस ने लापरवाही से वाहन चलाने और यातायात प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
गोपी ने अप्रैल में त्रिशूर पूरम उत्सव के आयोजन स्थल तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस का “दुरुपयोग” किया था। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
यह मामला 20 अप्रैल, 2024 को त्रिशूर पूरम मैदान में एंबुलेंस में उनके आगमन के संबंध में दर्ज किया गया था।
मामले की शिकायत एक कम्युनिस्ट नेता ने दी थी।
केरल से लोकसभा सीट जीतने वाले पहले भाजपा नेता सुरेश गोपी पर अब लापरवाही से गाड़ी चलाने और पुलिस द्वारा लगाए गए यातायात प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के लिए दंडात्मक प्रावधानों और मोटर वाहन अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।
उन पर आईपीसी की धारा 279 और 34, और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 179, 184, 188 और 192 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
एफआईआर के अनुसार, अभिनेता से नेता बने गोपी ने स्वराज ग्राउंड पर एकतरफा यातायात प्रतिबंध का उल्लंघन किया और मरीजों के परिवहन के लिए निर्धारित वाहन का दुरुपयोग किया।
इससे पहले मीडिया से बात करते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला देते हुए पूरम समारोह स्थल तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस का उपयोग करने की बात स्वीकार की।
उन्होंने कहा, “पैर में दर्द के कारण मुझे भीड़ के बीच चलने में कठिनाई हो रही थी, इसलिए बिना किसी राजनीतिक एजेंडे के कुछ युवाओं ने मुझे एंबुलेंस में चढ़ाने में मदद की।”
मामले में दूसरा आरोपी वरही पीआर एजेंसी का समन्वयक अभिजीत नायर है। तीसरे आरोपी के रूप में एंबुलेंस ड्राइवर का नाम दर्ज है।
उल्लेखनीय है कि सुरेश गोपी ने शुरू में एंबुलेंस का उपयोग करने से इनकार किया था और मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की थी।
भाजपा के त्रिशूर जिला अध्यक्ष के.के. अनीश कुमार ने कहा कि सुरेश गोपी ने पूरम कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने के लिए थोड़ी दूरी तक एक वाहन में यात्रा की थी।
सुरेश गोपी ने आरोप लगाया कि पूरम घटना को लेकर विवाद का उद्देश्य करोड़ों रुपये के करुवन्नूर सर्विस को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले से ध्यान हटाना है। इसमें पूर्व मंत्री ए.सी. मोइदीन सहित माकपा के कई नेता शामिल हैं।
अप्रैल 2024 में त्रिशूर पूरम अनुष्ठान कथित पुलिस हस्तक्षेप के कारण विवाद से घिर गया था, कांग्रेस और उसकी सहयोगी भाकपा ने दावा किया था कि यह घटना हिंदुओं की सहानुभूति जगाने और त्रिशूर में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक सुनियोजित प्रयास था।
सुरेश गोपी ने कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन और सीपीआई नेता और पूर्व मंत्री वी.एस. सुनील कुमार के खिलाफ त्रिकोणीय मुकाबले में त्रिशूर लोकसभा सीट जीती थी।
त्रिशूर पूरम एक वार्षिक हिंदू मंदिर उत्सव है, जो हर साल वडक्कुनाथन मंदिर में आयोजित किया जाता है।