महासमुंद। अवैध शराब परिवहन के मामले में गिरफ्तार नाबालिग के बड़े भाई पर कार्रवाई की धमकी देकर 7 हजार रुपए वसूली करने का मामला सामने आया है। मामला सरायपाली थाना क्षेत्र का है। दो दिन पहले पुलिस ने नाबालिग के बड़े भाई को भी थाने में बिठाकर रखा, उसके खिलाफ भी कार्रवाई करने की धमकी दी और 10 हजार रुपए मांग लिए। बड़े भाई ने जब 7 हजार रुपए दिये, तब जाकर पुलिस ने उसे छोड़ा।
पीडि़त ने चालाकी दिखाते हुए पूरे मामले का वीडियो भी तैयार कर लिया था। वीडियो में एक आरक्षक टेबल के नीचे पैसे गिनते नजर आ रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने मामले में संलिप्त एएसआई मुरलीधर भोई और आरक्षक हितेश कुमार साहू को निलंबित कर दिया है। साथ ही पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश भी दिए हैं। जांच का जिम्मा पिथौरा एसडीओपी विनोद मिंज को सौंपा गया है।
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही कार्रवाई की गई है। दोनों को निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया गया है। इस मामले की प्राथमिक जांच की जाएगी।
जानकारी के अनुसार सरायपाली पुलिस ने बीते रविवार को बिना नंबर की गाड़ी में अवैध शराब परिवहन करते हुए बाजार पारा निवासी एक नाबालिग और किसड़ी निवासी 29 वर्षीय धर्मराज कुम्हार को पकड़ा था। इनके पास से कुल 80 लीटर महुआ शराब मिला। दोनों के खिलाफ पुलिस ने आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।
नाबालिग के बड़े भाई ललित उर्फ जीतू यादव ने ‘छत्तीसगढ़Ó को मोबाइल पर बताया-बीते 29 अगस्त को मेरे छोटे भाई के मोबाइल नंबर से मेरे पास फोन आया। फोन पर सरायपाली थाना स्टॉफ ने मेरे साथ बात की कि तुम्हारे भाई को अवैध शराब परिवहन करते हुए पकड़ा गया है। इसकी सूचना दी जा रही है, आप थाना आ जाइए। जैसे ही मैं थाना पहुंचा तो मुझे बताया गया कि टीआई आ रहे हैं, बैठ जाइए। बहुत देर इंतजार करने के बाद भी जब साहब नहीं आए तो मैंने कहा कि मुझे जरूरी काम है, मैं उसे निपटाकर आता हूं। इसके बाद मुझे जाने दिया गया। मैं काम निपटाकर वापस लौटा तब भी टीआई नहीं आए थे। मैंने जब रोकने का कारण पूछा तो एएसआई और आरक्षकों ने मेरे कपड़े उतरवा दिए और मारपीट करने लगे। इसके बाद मुझसे कहा गया कि 10 हजार रुपए दो नहीं तो तुम्हारे खिलाफ भी केस बनेगा। मैंने कहा कि ये गलत है, तो मुझसे फिर मारपीट की गई। इसके बाद मैंने अपने बड़े भाई लाला को फोन किया और घर में रखे 7 हजार रुपए मंगाया। मैंने पैसा एएसआई भोई को दिया तो उन्होंने आरक्षक को पैसा गिनने के लिए दे दिया। इसके बाद मैंने वीडियो बना लिया। पुलिस ने मेरे भाई का मोबाइल और हेडफोन भी रखा था। जिसे मांगने पर कहा गया कि बाकी 3 हजार देने के बाद वापस कर देंगे। इसके बाद जब मैंने वीडियो की बात बताई तो हेडफ ोन वापस कर दिया।
इस मामले में पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा ने कहा कि सरायपाली थाना भगवान भरोसे चला रहा है। यहां कानून व्यवस्था ताक पर रखी जा रही है। दो दिन पहले ही अधिकारियों द्वारा पैसे लेने का वीडियो भी आया है।