शिक्षक पदोन्नति में संस्कृत स्नातक के साथ सौतेला व्यवहार क्यो .?

Shri Mi
3 Min Read

बिलासपुर: स्कूल शिक्षा विभाग की उपलब्धियों में भर्ती हो पदोन्नति हो या फिर कोई अन्य प्रक्रिया बिना विवादों के प्रक्रिया संपन्न हो जाये यह संभव नहीं दिखता है।ऐसा ही मामला सहायक शिक्षकों की उच्च वर्ग के शिक्षक के पद में पदोन्नति के मामले में संस्कृत से सौतेले व्यवहार के रूप में सामने आया है।मिली जानकारी के मुताबिक सहायक शिक्षक एलबी का उच्च वर्ग शिक्षक (यूडीटी) में पदोन्नत किए जाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न विकासखंडों से मंगाई जा रही है। जानकारी में संस्कृत संकाय के स्नातक स्तर के अहर्त्ताधारी शिक्षकों को किनारे करके स्नातकोत्तर होने का नियम लागू करने से संस्कृत विषय वाले स्नातक शिक्षकों में पदोन्नति को लेकर हड़कंप मच गया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

मालूम हो कि उच्च वर्ग शिक्षक यूडीटी की भर्ती स्नातक स्तर पर की जाती है किसी भी संकाय के स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थी वर्ग दो के शिक्षक के लिए पात्र होते हैं लेकिन संस्कृत विषय के अभ्यर्थियों के लिए संस्कृत में स्नातकोत्तर होना अनिवार्य है । ऐसी स्थिति में संस्कृत में स्नातक होने का लाभ नही मिल रहा है। जिसको लेकर अभ्यर्थियों में उपहोह की स्थिति है।

कतिपय अभ्यर्थियों ने बताया कि पदोन्नति की प्रक्रिया में विज्ञान,गणित, अंग्रेजी, हिंदी, भूगोल या अन्य कोई विषय के अभ्यर्थियों को स्नातक स्तर पर पदोन्नति के लिए पात्र मानकर जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। स्नातक में अंग्रेजी साहित्य और हिन्दी साहित्य को UDT के लिए मान्य किया गया है तो स्नातक में संस्कृत साहित्य को हटाया जाना नैसर्गिक न्याय के विपरीत है। इसको लेकर कतिपय अभ्यार्थी आने वाले दिनों में उच्च न्यायालय की शरण में जा सकते हैं।

इस विषय पर स्कूल शिक्षा विभाग बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक श्री हीरा धर ने बताया कि संस्कृत विषय को पदोन्नति के लिए वर्तमान जारी नियमावली में वंचित रखने की बात सामने आई है ।क्योंकि यह विषय शासन स्तर पर संबंधित है उसको हमारे द्वारा अवगत कराया जा रहा है यथोचित निर्णय होने तक वर्तमान जारी गाइडलाइन के अनुसार ही पदोन्नति की प्रक्रिया की तैयारी की जा रही है।

आपको बताते चलें कि छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्नातक में संस्कृत साहित्य विषय का अध्यापन किया जाता है।जिसमें बड़ी संख्या में अभ्यर्थी चयनित होते है,अनेको स्कूल शिक्षा विभाग में भी सेवाएं दे रहे हैं और पदोन्नति प्रक्रिया के लिए बड़े ही आशान्वित रहे हैं। लेकिन उनकी आशाओं पर शिक्षा विभाग के उक्त नियम ने पानी फेर दिया है।देश की प्राचीनतम भाषा संस्कृत शिक्षक पदोन्नति में असमानता का शिकार हो रही है।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close